
लाहौर. अफगानिस्तान में Taliban की वापसी के साथ ही पाकिस्तान में भी कट्टरपंथी निरंकुश होते जा रहे हैं। कट्टरपंथियों ने लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ कर गिरा दिया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।
कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक की हरकत
इस घटना के पीछे कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक की हरकत मानी जा रही है। घटना का जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दो उपद्रवी को गिरफ्तार कर लिया है। प्रतिमा का 2 साल पहले ही अनावरण हुआ था। ये दोनों आरोपी साजिश करके किले में दाखिल हुए थे। इसमें से एक ने खुद को विकलांग बताया था, जबकि दूसरे ने उसका सहयोगी। जिसने खुद को विकलांग बताया था, उसने सबसे पहले मूर्ति को लोहे की छड़ से मारा। इसके बाद दोनों ने मूर्ति नीचे गिरा दी। प्रतिमा का जून, 2019 को महाराजा की 180वीं पुण्यतिथि पर अनावरण किया गया था। यह 9 फीट ऊंची थी। सिख साम्राज्य के पहले महाराजा रणजीत सिंह ने करीब 40 साल तक पंजाब पर शासन किया था। 1893 में उनकी मृत्यु हुई थी। उन्हें शेर-ए-पंजाब कहते थे।
कुछ दिन पहले भोंग शहर में गणेश मंदिर में की थी तोड़फोड़
इससे पहले लाहौर से करीब 590 किमी दूर स्थित रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में भीड़ द्वारा एक गणेश मंदिर में तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इस मामले में भारत ने अपनी आपत्ति जताई थी। इस मामले में अब भोंग शरीफ पुलिस ने करीब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग 6 धाराओं में FIR दर्ज की है। वहीं पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया है।
फेसबुक पर live किया था वीडियो
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab prant) में मुस्लिम कट्टरपंथियों की एक भीड़ ने 4 अगस्त की देर रात में हिंदू मंदिर (Hindu Mandir) पर हमला बोल दिया था। भीड़ ने मंदिर में लगी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी तहस-नहस कर डाला था। इस घटना का आरोपियों ने फेसबुक पर वीडियो भी LIVE किया था। इसके बाद भारत में सोशल मीडिया पर इस घटना का जबर्दस्त विरोध किया जा रहा है।
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