इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध के दौरान तमाम लोग आपबीती को साझा कर रहे हैं। इसी बीच एक बुजुर्ग के द्वारा बताया गया कि किस तरह से वह हमले के दौरान मस्जिद में थे और उन्होंने अपनी जान बचाई।
Israel Hamas War. इजराइल पर हमास की ओर से किए जा रहे हमलों की वजह से लोगों में डर का माहौल देखा जा रहा है। एशियानेट सुवर्णा न्यूज के संपादक अजीत हनामक्कनवर युद्ध को कवर कर रहे हैं और उन्होंने कई लोगों से बातचीत भी की। इजराइल के लोगों ने बताया कि किस तरह से उन्होंने अपनी आंखों के सामने बम और रॉकेट देखें। पहले कभी भी उन्होंने ऐसा नजारा नहीं देखा था। बुजुर्ग ने बताया कि हमले के दौरान कई बार ऐसा हुआ जब उन्हें नमाज रोककर सेफ्टी रूम में जाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस बार हमास ने जो किया, वह बहुत गलत और अभूतपूर्व था। उन्होंने निर्दोष नागरिकों का नरसंहार किया। कई महिलाओं को गोली मार दी और बच्चों के सिर काट दिए। वे (हमास) नहीं चाहते कि हमारा अस्तित्व रहे। जब (यासिर) अराफात आसपास थे, तो वास्तविक प्रयास हुए थे शांति के लेकिन लेकिन अब हमास जो कर रहा है, हम उनके साथ नहीं रह सकते। हमास को खत्म होना ही होगा। इस बार चीजें बहुत आगे बढ़ गई हैं। यहां तक कि अमेरिकी भी हमारे साथ आ गया है। उन्होंने हजारों लोगों को मार डाला और 3000 से अधिक घायल हो गए। हमास ने महिलाओं और बच्चों का अपहरण कर लिया है और उन्हें बंधक बना लिया है। मुझे नहीं लगता कि इसराइल इस बार चुप रहेगा। जब सायरन बजने की आवाज आती है तो रॉकेट गिरता है। यह यहां के निवासियों के लिए रोज की बात है। लेकिन बार चीजें अलग हैं।
स्थानीय निवासी ने कहा कि हमने कई रॉकेट हमले देखे हैं। लेकिन 7 अक्टूबर को हमास ने जितने रॉकेट दागे हैं, हम सो नहीं पा रहे हैं। हम सायरन बजने से सावधान हो जाते हैं। यहां तक कि कार का हॉर्न भी हमें चिंता में डाल देता है। उन्होंने आगे कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसने वाले सभी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है। वे छिपे हुए हो सकते हैं। हम लगातार खतरे में रहते हैं। हम भाग्यशाली थे कि इजरायली रक्षा बल ने हमास को रोक दिया।