चीन में कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन, आग लगने से 10 लोगों की मौत से भड़का गुस्सा

चीन के शिनजियांग में आग लगने से हुई 10 लोगों की मौत ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। लोग कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि लॉकडाउन के चलते बचाव कार्य में बाधा आई, जिससे 10 लोग मारे गए। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 27, 2022 3:19 AM IST / Updated: Nov 27 2022, 08:52 AM IST

बीजिंग। उत्तर-पश्चिमी चीन के शिनजियांग में एक अपार्टमेंट में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों में चीन की कोविड नीति के प्रति गुस्सा भड़क गया है। उग्र लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के खिलाफ शिनजियांग के उरुमकी रोड पर आधी रात को भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए। 

फूल और मोमबत्तियां लिए लोग चीन की कोरोना नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने सख्ति से प्रदर्शनकारियों से निपटने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस द्वारा लोगों पर काली मिर्च का स्प्रे किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने 'लॉकडाउन खत्म करो' के नारे लगाए। लोगों ने आरोप लगाया कि कोरोना रोकने के लिए सरकार द्वारा की गई सख्ति के चलते आग बुझाने में देर हुई। फायरफाइटर्स को आग बझाने में तीन घंटे लग गए। इस दौरान 10 लोग जिंदा जल गए। 

 

 

दूसरी ओर चीन की सरकार का कहना है कि लोग कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। आग लगने से हुई 10 लोगों की मौत के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे थे। वहीं, उरुमकी के सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि कोविड रोधी उपायों से बचाव कार्यों में बाधा नहीं पड़ी थी। इमारत में कोई बैरिकेड्स नहीं थे। निवासियों को जाने की अनुमति थी।

 

 

 

इमारत में थे कोरोना संक्रमित लोग
गौरतलब है कि जिस इमारत में आग लगी थी उसमें कोरोना संक्रमित रह रहे थे। चीन की सरकार ने जीरो कोविड पॉलिसी को लागू किया है। इसके तहत कोरोना संक्रमित मिलने पर सख्त पाबंदी लगाई जाती है। किसी इमारत में कोरोना संक्रमित मिल जाए तो उसे सील कर दिया जाता है और इमारत में रहने वालों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती। जिस इमारत में आग लगी उसमें कोरोना संक्रमित थे। लोग इमारत से निकलकर बाहर नहीं जा सकें इसके लिए उसके रास्ते को बंद कर दिया गया था। आग लगी तो यह बड़ी परेशानी साबित हुई। राहत और बचाव के लिए फायर फाइटर्स आए तो पहले उन्हें इमारत तक जाने के लिए रास्ता साफ करना पड़ा। इसके चलते आग बुझाने में देर हुई और 10 लोग मारे गए।

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