फिजी के PM सीटिवेनी लिगामामादा राबुका पहुंचे भारत, पीएम नरेंद्र मोदी से गहरी दोस्ती- बताया था दुनिया का बॉस

Published : Aug 24, 2025, 10:28 AM IST
Fiji PM Sitiveni Ligamamada Rabuka welcomed by Union Minister of State for Education Sukanta Majumdar

सार

Fiji Prime Minister Sitiveni in India: फ़िजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी रबुका चार दिन की भारत दौरे आए हुए हैं। इस दौरान वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

Fiji Prime Minister India Tour: फिजी गणराज्य के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामाडा रबुका रविवार के दिन अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत अपनी पत्नी सुलुवेती रबुका के साथ पहुंचे हैं। नई दिल्ली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंजीत जयसवाल ने X पर एक पोस्ट में रबुका का स्वागत किया और कहा कि उनकी यह यात्रा भारत-फ़िजी की साझेदारी को विभिन्न क्षेत्रों में और मजबूत करेगी।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंजीत जयसावल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "फ़िजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी रबुका का नई दिल्ली में उनकी पहली यात्रा पर आगमन पर हार्दिक स्वागत। हवाई अड्डे पर शिक्षा और DoNER राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने पीएम रबुका का स्वागत किया। यह यात्रा भारत-फ़िजी साझेदारी को विविध क्षेत्रों में और गहरा करेगी। इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा,सिटिवेनी लिगामामाडा रबुका और उनकी पत्नी सुलुवेती रबुका के साथ 24 से 27 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहने वाले हैं। इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बात की भी जानकारी दी गई है कि आज उनकी एक खास बैठक कैबिनेट मंत्री के साथ होने वाली है। 25 अगस्त के दिए पीएम नरेंद्र के साथ उनकी मुलाकात होने वाली है। इसके बाद वो राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ मुलाकात करने वाले हैं। 26 अगस्त को फिजी के नेता सप्नू हाउस में भारतीय विश्व मामलों की परिषद द्वारा आयोजित एक व्याख्यान देंगे।

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क्या है फिजी और भारत का इतिहास?

भारत और फ़िजी के रिश्ते की शुरुआत 1879 में उस वक्त हुई जब भारतीय मजदूरों को गन्ने के बागानों में काम करने के लिए अनुबंध प्रणाली के अंतगर्त वहां पर लाया गया था। 1879 और 1916 के बीच कम से कम 60,553 भारतीयों को फ़िजी लाने का काम किया गया था। 20वीं सदी की जब शुरुआत हुई थी उस वक्त भारतीय व्यापारी और अन्य लोग भी फ़िजी आने लगे थे। 1920 में, अनुबंध प्रणाली को समाप्त कर दिया गया। 1970 में फ़िजी की स्वतंत्रता से पहले, भारत का 1948 से एक आयुक्त था, जिसे बाद में स्वतंत्रता के बाद उच्चायुक्त के रूप में पदोन्नत किया गया।

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