Cold War में निष्पक्ष रहा फिनलैंड NATO में हुआ शामिल, किसको होगा फायदा? क्या रूस का सामना कर सकेगी फिनिश सेना?

फिनलैंड मंगलवार को NATO में शामिल हो गया. नाटो Cold War के बाद से ही निष्पक्ष नीति अपनाए हुआ था. फिनलैंड के शामिल होते ही नाटो देशों की रूस से लगी सीमा में 1300 किलोमीटर का इजाफा हो गया है.

Danish Musheer | Published : Apr 12, 2023 12:48 PM IST

हेलसिंकी: दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड मंगलवार को NATO में शामिल हो गया. इसी के साथ फिनलैंड की दशकों पुरानी गुटनिरपेक्षता नीति का अंत हो गया है. बता दें कि नाटो Cold War के बाद से ही निष्पक्ष नीति अपनाए हुआ था. शीत युद्ध के दौरान भी फ़िनलैंड ने कुशलतापूर्वक अपना एक न्यूट्रल राजनीतिक स्टे्टस बना बनाए रखा था. इतना ही नहीं द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से फिनलैंड ने अन्य देशों के साथ अपने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों में लगातार वृद्धि की है.

नाटो में शामिल होने वाला फिनलैंड 12वीं शताब्दी से 1809 तक स्वीडन का हिस्सा रहा. रूसी क्रांति के बाद फिनलैंड ने 6 दिसंबर 1917 को स्वतंत्रता हासिल की. फिनलैंड के शामिल होते ही नाटो देशों की रूस से लगी सीमा में 1300 किलोमीटर का इजाफा हो गया है.

कितनी है फिनलैंड की सेना?
रूस की धमकी के बाद फिनलैंड पर हमले का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर रूसी सेना फिनिश आर्मी पर हमला कर देती है, तो क्या फिनलैंड की सेना रूस का मुकाबला कर पाएगी या नहीं. गौरतलब है कि फिनलैंड में हर साल करीब 21,000 नई भर्तियां होती हैं. यहां सैन्य सेवा की अवधि 180 से 362 दिनों तक होती है. एक्टिव ड्यूटी के बाद सैन्य सेवा से रिटायरमेंट लेने वाले सैनिक फिनलैंड के रिजर्व कोर में शामिल हो जाते हैं. फिनलैंड की रिजर्व कोर में 280000 सैनिक शामिल हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर फिनलैंड में 17 से 60 वर्ष की आयु के लगभग नौ ला लोग सेना में शामिल हो सकते हैं.

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239 युद्धक टैंक
फिनिश सेना में आठ ब्रिगेड शामिल हैं, जिसके पास 239 युद्धक टैंक हैं. 212 इन्फेंट्री फाइटिंग व्हीकल और 1100 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर भी हैं. इनमें व्हील और ट्रैक वाली गाड़ियां दोनों शामिल हैं. बता दें कि फिनलैंड ने ज्यादातर लेपर्ड- 2A4 टैंक जर्मनी से खरीदे हैं.

फिनिश वायु सेना कितनी मजबूत है?
फिनलैंड की वायु सेना को तीन एयर कमांड में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक एक लड़ाकू स्क्वाड्रन का संचालन करती है. देश की वायु सेना के पास 61 मैकडॉनेल डगलस FA/A-18 हॉर्नेट फाइटर जेट्स का बेड़ा है. इसके अलावा फिनिश वायु सेना के पास अमेरिकी सिडवाइंडर मिसाइल और AIM-120 अमराम मिसाइलें भी मौजूद हैं. इसके अलावा सेना के पास AGM-154C JSW औरAGM -158A JASSM मिसाइलें और GBU क्लास के गाइडेड बम भी हैं.

फिनलैंड की नौसैनिक कितनी ताकतवर?
फिनिश नौसेना को विशेष तौर पर तटीय अभियानों के लिए तैयार किया गया है. देश के नौसैनिक बलों के पास छोटे लैंडिंग क्राफ्ट के अलावा आठ मिसाइल बोट, चार कमांड पोत, पांच माइनलेयर, 13 माइनस्वीपर और तीन माइन काउंटरमेजर्स पोत हैं.

नाटो को मिलेगी मजबूती
फिनलैंड की सेना दुनिया की 51वीं सबसे शक्तिशाली सेना है. देश के नाटो में शामिल होने से पश्चिमी यूरोप में नाटो की उपस्थिति और मजबूत होगी. फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से रूस की उत्तरी सीमा असुरक्षित हो गई है. नाटो में शामिल होने से पहले रूस देश को परमाणु हमले की धमकी भी दे चुका है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के दूरगामी परिणाम होंगे और हम अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.

बाल्टिक इलाके में नाटो और रूस की स्थिति
फिनलैंड के नाटो में शामिल होते ही संगठन के लिए बाल्टिक देशों की सुरक्षा करना आसान हो जाएगा. वहीं, इलाके में नाटो एक ताकतवर पक्ष बन जाएगा. इस अलावा यहां का वायु क्षेत्र नाटो के उपयोग के लिए खुल जाएगा.

 

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