
France Riots Explainer. फ्रांस में हुई हिंसक घटनाओं ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो पर दबाव बढ़ा दिया है। यह घटनाएं तब शुरू हुई जब युवा प्रदर्शनकारी नाहेल पुलिस की गोली से मारा गया। इसके बाद तो पेरिस में जमकर बवाल हुआ और पूरा देश हिंसक घटनाओं की गिरफ्त में आ गया। प्रेसीडेंट मैंक्रों ने लोगों से अपील की है कि बच्चों को सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए न भेजें। साथ ही सोशल मीडिया को भी हिंसा भड़काने की एक बड़ी वजह माना गया है।
कौन था नाहेल?
नाहेल अपनी मां का इकलौता बेटा था। वह रग्बी टीम का प्लेयर होने के साथ ही टेकआउट डिलीवरी ऑपरेटर का काम भी करता था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह बतौर इलेक्ट्रीशिय करियर बनाना चाहता था और सुरसनेस के कॉलेज में एडमिशन भी करा चुका था। ने अपनी मां मौनिया के साथ ही रहता था। अल्जीरियाई मूल के नाहेल को लोग काफी पसंद किया करते थे। उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था।
फ्रांस में दंगे क्यों शुरू हुए?
प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में नाहेल की दुखद मौत के बाद फ्रांस में दंगा भड़क गया। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गई जिसके बाद लोगों का आक्रोश बढ़ता ही चला गया। वीडियो में एक पुलिस अधिकारी कार ड्राइवर पर बंदूक तानता दिख रहा है। इसी दौरान अफरातफरी मचती है और नाहेल के सीने में गोली लग जाती है, जिससे उसकी मौत हो जाती है। पुलिस अधिकारी की गोली से हुई मौत के बाद लगातार प्रदर्शन जारी रहा और यह धीरे-धीरे दूसरे स्थानों तक फैल गया। पुलिस ने इसे आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया है।
40 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती
फ्रांस में दंगो को रोकने के लिए ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार भी की गई। हिंसा के दौरान करीब 200 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। इसके बाद प्रशासन ने शांति बहाली के लिए करीब 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। राष्ट्रपति ने इसे अनुचित करार दिया है।
फ्रांस के कई कस्बों में हुए दंगे
इस घटना की वजह से फ्रांस के कई कस्बों में दंगे हुए हैं। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स तक यह अशांति फैल गई और करीब दर्जनभर लोगों को गिरफ्तार किया गया। कई स्थानों पर आगजनी की कोशिशें भी की गई हैं। पेरिस में कई जगहों पर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग की भी सूचना है। लौवर संग्रहालय के नजदीक रिवोली स्ट्रीट पर और पेरिस शहर के सबसे बड़े शॉपिंग सेंटर फोरम डेस हॉलेस में कई दुकानों में चोरी हुई। क्षेत्रीय अधिकारियों ने कहा कि मार्सिले में पुलिस ने आक्रामक समूहों को रोकने की सफल कोशिश की है।
क्या हैं फ्रांस के हिंसक दंगे का कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार नाहेल की हत्या के बाद फ्रांसीसी नस्लवाद विरोधी समूहों ने पुलिस के खिलाफ शिकायत की। फ्रांस में नस्लवाद को लेकर काफी समय से विवाद होते रहे हैं। यही वजह है कि यहां इस विषय पर चर्चा करना प्रतिबंधित है। हालांकि कुछ संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। पिछले साल की बात करें तो ऐसे ही प्रदर्शनों में पुलिस के हाथों 13 लोग मारे गए थे। अब नाहेल भी इसी तरह से मारा गया। फ्रांस में अब न्याय की मांग तेज हो गई है और नस्लीय असमानता के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।