
Gaza Al Ahli Hospital Attack Update: इजराइल-हमास युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार देर रात गाजा सिटी के अल-अहली अस्पताल पर हुए हमले में करीब 500 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा कई लोग घायल हैं। घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, अस्पतालों में बेहोशी की दवा यानी एनेस्थीसिया खत्म हो गया है, जिसके चलते डॉक्टर बिना बेहोश किए ही लोगों की सर्जरी कर रहे हैं।
बेहोशी की बिना सर्जरी में दर्द से कराह रहे लोग
अल-शिफा अस्पताल के डायरेक्टर मोहम्मद अबु सेल्मिया के मुताबिक, गाजा के अल-अहली हॉस्पिटल में अटैक के बाद घायलों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि अस्पताल में दवाइयां भी खत्म हो चुकी हैं। पहले से ही काफी मरीज थे और अस्पताल में हमले के बाद इनकी संख्या और बढ़ गई है, जिसके बाद दवाइयों का संकट खड़ा हो गया है। यहां तक कि अस्पतालों में एनेस्थीसिया भी नहीं बचा है, जिसकी वजह से डॉक्टरों को बेहोश किए बिना ही लोगों का ऑपरेशन करना पड़ रहा है।
अस्पताल के फर्श पर करनी पड़ रही सर्जरी
अल-अहली अस्पताल में हुए हमले के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। एम्बुलेंस और निजी गाड़ियों के जरिए करीब 350 घायलों को गाजा के अल-शिफा अस्पताल में एडमिट कराया गया। हालांकि, वहां पहले से ही बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज चल रहा था। गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के प्रवक्ता अशरफ अल किदरा के मुताबिक, कुछ के सिर फट गए, जबकि कुछ के अंग या तो कट चुके थे या अपनी जगह पर नहीं थे। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई कि उनके लिए बेड नहीं हैं। ऐसे में डॉक्टरों को अस्पताल के फर्श पर ही सर्जरी करनी पड़ रही है। ज्यादातर सर्जरी बेहोशी की दवा के बिना ही की जा रही हैं।
खत्म हुआ जनरेटर का डीजल, ठप हो जाएगा सबकुछ
वहीं, अल-शिफा अस्पताल के डायरेक्टर अबू सेल्मिया का कहना है कि हमें दवाइयों, बिस्तर, एनेस्थीसिया और अन्य जरूरी उपकरणों की सख्त जरूरत है। इसके अलावा अस्पताल में बिजली पहुंचाने वाले जनरेटरों में डीजल भी खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में जिनके पास भी डीजल है वो अस्पताल को डोनेट करें।
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