साल 2014 में इजरायल ने भी पुष्टि की थी कि एक घर पर हमले पर मोहम्मद दीप को खत्म करने की कोशिश की गई थी। जिसमें उसकी पत्नी और सात महीने का बेटा मारा गया लेकिन वह किसी तरह बच निकला था।
Israel Hamas War : इजलाइल पर बड़ा हमला कर हमास एक बार फिर चर्चा में है। दोनों तरफ से हजारों लोग मारे गए हैं। कई लोग घायल हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि हमास जैसा छोटा सा संगठन आखिर इतने मजबूत, ताकतवर इजराइल पर अटैक कैसे कर दिया? इन सबसे पीछे मास्टरमाइंड कौन है? बता दें कि इस पूरी जंग के पीछे जो शख्स है, उसका नाम मोहम्मद दीफ (Mohammed Deif) है। वह हमास की मिलिट्री विंग का मुखिया है। इतने बड़े हमलों की साजिश रचने वाला मोहम्मद दी अपने पैरों त पर खड़ा तक नहीं हो पाता है। वह व्हीलचेयर से चलता है। मोहम्मद दीफ को इजराइल कई बार मारने की कोशिश कर चुका है लेकिन वह हर बार बचता रहा है। आज दीफ इजरायल का मोस्ट वांटेड है।
मोहम्मद दीफ कौन है
दीफ 21 साल यानी 2002 से हमास की मिलिट्री विंग का मुखिया है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दीफ का जन्म 1960 के दशक में गाजा में खान यूनिस शरणार्थी कैंप में हुआ था। उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी हुआ करता था। यह वह दौर था, जब गाजा मिस्र के कंट्रोल में था। गाजा पर हमेशा ही किसी न किसी पर कब्जा किया है। 1948 से 1967 तक गाजा मिस्र, 1967 से 2005 के बीच इजरायल और 2005 से 2007 तक फिलिस्तीनी के कब्जे में रहा। साल 2007 में हमास ने जब तख्तापलट किया, तब से गाजा पर उसी का नियंत्रण है।
मोहम्मद दीफ हमास से कैसे जुड़ा
1980 के दशक के अंत में हमास की स्थापना वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी विद्रोह के बाद हुई। दोनों क्षेत्रों पर इजरायली कब्जा 1967 के इजरायल-अरब वार के दौरान हुआ। जब पहला विद्रोह हुआ था, तब दीफ सिर्फ 20 साल का था। इसी उम्र में इजरायलियों ने उसे जेल भेजा था। उस पर आत्मघाती बम धमाकों में दर्जनों लोगों की हत्या करने का आरोप लगा था। इसमें से एक हमला 1996 का था, जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। ये बम धमाके ओस्लो शांति समझौते के खिलाफ था। इस समझौते पर 1990 के दशक की शुरुआत में इजरायल और अधिकांश फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ने अपने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का मकसद इजरायल के साथ एक फिलिस्तीनी राज्य के तौर पर फिलिस्तीनी को मजबूत बनाना था। हालांकि, हमास यह नहीं चाहता था। उसका तर्क था कि 1948 के अरब-इजरायल जंग में इजरायल ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल किया था। उसका कहना था कि समझौते का मतलब फिलिस्तीन के लिए अपने क्षेत्र का नुकसान करना होगा।
हाथ-पैर, आंख के बिना दीफ रचता है साजिश
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दीफ हमास का इकलौता ऐसा सैन्य प्रमुख है, जो इतने लंबे समय से जिंदा है। बताया जाता है कि मोहम्मद दीफ ने याह्या अय्याश के अंदर बहुत कुछ सीखा है। उसका उपनाम इंजीनियर था और बम बनाने में महारत हासिल थी। इजरायल ने 1996 में याह्या अय्याश की विस्फोटकों से भरे मोबाइल फोन के माध्यम से हत्या कर दी थी। जिसके बाद दीफ आगे चलकर हमास की मिलिट्री विंग 'कसम ब्रिगेड' में शामिल हुआ और बाद में पूरी संगठन का मुखिया बन गया। कहा जाता है कि हर बार उसे मारने की साजिश नाकाम होती है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दीफ को मारने की कथित तौर पर कई कोशिशें नाकाम हुई हैं। हालांकि, इस दौरान उसने अपने एक हाथ,एक पैर गंवाए हैं। कुछ संगठनों का यह भी दावा है कि उसकी एक आंख भी नहीं है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में इजरायली अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि दीप रणनीति कब्जे वाले क्षेत्रों में बसने वालों को यरूशलम और तेल अवीव में बसाना चाहता है।
मोहम्मद दीफ को मारने में नाकाम रहा इजराइल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2002 में मोहम्मद दीफ ने हमास की सैन्य शाखा का गाजा कमांडर बना। वह पहले से ही इजरायल का मोस्ट वांटेड था। उसे मारने की कई कोशिशें की गई लेकिन हर बार वह बच निकला। 2002 में ही एक इजरायली हेलीकॉप्टर ने गाजा सिटी के पास एक कार पर मिसाइलें दागीं। इस हमले में हमास के दो सदस्य मारे गए, जबकि 15 बच्चों समेत 40 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। अमेरिकी विदेश विभाग ने भी मोहम्मद दीफ को आतंकवादी घोषित किया है। इस घोषणा में कहा गया है कि 'मोहम्मद दीफ हमास की आक्रामक रणनीति का मास्टरमाइंड है।' साल 2014 में इजरायल ने भी पुष्टि की थी कि एक घर पर हमले पर दीप को खत्म करने की कोशिश की गई थी। जिसमें उसकी पत्नी और सात महीने का बेटा मारा गया लेकिन वह किसी तरह बच निकला था।
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