कैसे हिज्बुल्लाह के Mirsad-1 ड्रोन ने लगाई इजरायली एयर डिफेंस में सेंध?

Published : Oct 14, 2024, 12:30 PM ISTUpdated : Oct 14, 2024, 12:31 PM IST
Hezbollah Mirsad 1 Drone

सार

हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले में इजरायली सैन्य अड्डे पर 4 सैनिक मारे गए और 60 से अधिक घायल। इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर हिजबुल्लाह के ड्रोन ने हमला किया।

वर्ल्ड डेस्क। इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच चल रही जंग में रविवार को इजरायली सेना (IDF) को बड़ा नुकसान हुआ। हिज्बुल्लाह मध्य-उत्तरी इजरायल में स्थित एक सैन्य अड्डे पर ड्रोन अटैक किया। इसके चलते 4 इजरायली सैनिक मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।

IDF ने कहा कि हिजबुल्लाह ने ड्रोन से बिनयामीना के पास स्थित एक बेस पर हमला किया। यह तेल अवीव से लगभग 40 मील (64.37km) उत्तर में है। यह लेबनानी सीमा के पास है। इजरायल के पास दुनिया का सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम है। इसके बाद भी ड्रोन से सैन्य बेस पर हमला हो गया। इससे पता चलता है कि ड्रोन आधुनिक जंग में कितने सक्षम हथियार साबित हो रहे हैं।

हिज्बुल्लाह ने किया मिरसाद-1 ड्रोन इस्तेमाल

माना जा रहा है कि इस हमले के लिए हिज्बुल्लाह ने मिरसाद-1 ड्रोन इस्तेमाल किया। यह ईरानी ड्रोन मोहजर-2 पर आधारित है। हिज्बुल्लाह ने इसमें थोड़ा बदलाव किया है। यह ड्रोन 40kg तक विस्फोटक ले जा सकता है। अधिकतम रफ्तार 370km/h और रेंज 120km है। हिजबुल्लाह 2002 से मिरसद-1 का इस्तेमाल जासूसी और हमला करने के लिए कर रहा है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल इजरायली हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए किया जाता है।

हिज्बुल्लाह के ड्रोन ने कैसे लगाई इजरायली एयर डिफेंस में सेंध?

बिनयामीना एयरबेस पर अटैक करने के लिए हिज्बुल्लाह ने एक साथ बहुत से रॉकेट लॉन्च किए। इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम रॉकेट को हवा में नष्ट करने लगा। इसी दौरान हिज्बुल्लाह के ड्रोन भी भेज दिए। एक ड्रोन इजरायली एयर डिफेंस में सेंध लगाने में कामयाब हो गया। वह सैन्य बेस पर जाकर गिरा, जिससे बड़ी तबाही हुई।

डिफेंस इंडस्ट्री डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब मिरसाद-1 ड्रोन ने इजरायल की सुरक्षा को चकमा दिया है। इसी तरह की एक घटना साल की शुरुआत में हुई थी। उस वक्त हिज्बुल्लाह के ड्रोन कई मिनट तक इजरायली क्षेत्र में उड़े और फिर बिना किसी नुकसान के लेबनान लौट आए।

ड्रोन हथियार बढ़ा रहा हिज्बुल्लाह

ईरान को कम कीमत में आत्मघाती हमला करने वाले ड्रोन बनाने में महारत हासिल है। वह इसका लाभ अपने प्रॉक्सी हिज्बुल्लाह को भी दे रहा है। ईरान की मदद से हिज्बुल्लाह अपने ड्रोन हथियार बढ़ा रहा है।

मिरसाद-1 हिज्बुल्लाह के ड्रोन बेड़े में मौजूद कई ड्रोन में से एक है। इस समूह के पास कई तरह के ड्रोन हैं। इनका इस्तेमाल निगरानी, ​​खुफिया जानकारी जुटाने और आत्मघाती मिशन समेत कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। अल्मा रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार हिज्बुल्लाह के पास 2,000 से ज्यादा ड्रोन हैं। इसके पास मोहजर-4 और शाहेद जैसे मॉडर्न ड्रोन हैं।

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