जिस देश ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान, वहां बोली जाती हैं 800 से ज्यादा भाषाएं

पापुआ न्यू गिनी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप देश है। इसकी अनुमानित आबादी 90 लाख है। देश में 800 से ज्यादाएं भाषाएं भी बोली जाती हैं।

पोर्ट मोरेस्बी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पापुआ न्यू गिनी से ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए हैं। पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान कुछ ऐसे लम्हे देखने को मिले, जिन पर भारतीय नागरिक गर्व कर सकते हैं। पीएम मोदी जब पापुआ न्यू गिनी पहुंचने तो वहां के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे ने उनके पैर छूकर आशिर्वाद लिया। इसके अलावा उन्हें देश के सर्वोच्च नागिरक सम्मान ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ से भी नवाजा गया।

वैसे इस द्वीप देश के बारे में लोगों को कम ही जानकारी है। यह बात बेहद कम लोगों को पता है कि पापुआ न्यू गिनी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप देश है। इसकी अनुमानित आबादी 90 लाख है। देश में 800 से ज्यादाएं भाषाएं भी बोली जाती हैं।

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पापुआ न्यू गिनी में बोली जाती हैं 839 स्वदेशी भाषाएं

एथ्नोलॉग के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी में 839 स्वदेशी भाषाएं बोली जाती हैं, जो इसे भाषाई रूप से दुनिया के सबसे डाइवर्स देशों में से एक बनाती है। इस तरह यहां औसतन एक भाषा 7,000 लोगों द्वारा बोली जाती है। गौरतलब है कि यहां कई ऐसी भाषाएं जिनको 1,000 से कम भी कम लोग बोलते हैं।

पापुआ न्यू गिनी में इतनी सारी भाषाएं क्यों हैं?

ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है जो पापुआ न्यू गिनी मे इतनी सारी भाषाएं बोली जाती हैं। दरअसल, यहां कीबहुत सारी आबादी काफी अलग-थलग है। पापुआ न्यू गिनी की 80% से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और बाहरी प्रभावों के साथ इसका कोई संपर्क नहीं है। यहां कुछ ऐसी भाषाएं भी बोली जाती हैं, जो वहां की उन भाषाओं को प्रभावित करती हैं जिनसे वे व्याकरण और शब्दावली बनाते हैं। इसने देश में बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या में इजाफा कर दिया है।

क्या है पापुआ न्यू गिनी की आधिकारिक भाषा?

पापुआ न्यू गिनी में चार आधिकारिक भाषांए हैं, जिन्हें कुछ वैधानिक मान्यता प्राप्त है। इनमें टोक पिसिन,इंग्लिश,हिरी मोटू और पापुआ न्यू गिनी साइन लैंग्वेज शामिल हैं। पापुआ न्यू गिनी में कोई ऐसा कामम एक आधिकारिक भाषा को लेकर यहां कोई स्पेसिफिक कानून नहीं है।

टोक पिसिन और इंग्लिश राष्ट्रीय भाषा

जानकारी के मुताबिक 2011 में लगभग 68.4% लोग टोक पिसिन में भाषा जानते थे, जबकि 39.9% अंग्रेजी, और 4.7% हिरी मोटू में साक्षर थे। अंग्रेजी और टोक पिसिन को देश की राष्ट्रीय भाषा माना जाता है। हालांकि, पापुआ के दक्षिणी क्षेत्र में टोक पिसिन कम प्रचलित है, इसलिए लोग यहां हिरी मोटू भाषा बोलते हैं।

यह भी पढ़ें- पापुआ न्यू गिनी में सुनाई दी हर हर मोदी' के नारों की गूंज, भारतीय नागरिकों ने पीएम को भेंट की दिवंगत मां की पेंटिंग

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