मौत की सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे जाधव, ICJ बिल पाकिस्तानी सीनेट में पेश, भारत ने कहा-कमियों से भरा

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव अब सजा-ए-मौत के खिलाफ अपील कर सकेंगे। गुरुवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस  (Review and Reconsideration) बिल को सीनेट में पेश कर दिया गया। हालांकि भारत ने इसे कमियों से भरा बताया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 25, 2021 2:20 AM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार मिलने जा रहा है। इसी उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय(International Court of Justice) समीक्षा और पुनर्विचार((Review and Reconsideration) विधेयक(Bill) गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में पेश कर दिया गया। बता दें कि 10 जून को ही पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने इस बिल को मंजूरी दी थी। इसे अब सीनेट से पास होना बाकी था। इस बिल के आने के बाद कुलभूषण जाधव अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे।

बिल अब स्टैंडिंग कमेटी ऑन लॉ एंड जस्टिस के पास भेजा गया
पाकिस्तानी मीडियो के अनुसार, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने बिल को सदन में पेश किया। इसके बाद सीनेट अध्यक्ष सादिक संजरानी ने उसे कानून और न्याय पर स्थायी समिति(Standing Committee on Law and Justice) को भेज दिया। यह बिल विदेशी नागरिकों के संबंध में है, जो उसे मौत की सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार देता है। हालांकि भारत ने इसे कमियों से भरा बताया है। भारत ने कहा कि यह बिल ICJ के नियमों का उल्लंघन है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स(MEA) के प्रवक्त अरिंदम बागची ने कहा साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि यह बिल ICJ के फैसले के अनुसार एक प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार की सुविधा के लिए व्यवस्था नहीं बनाता।

अभी तक यह थी व्यवस्था
अभी तक पाकिस्तान में मिलिट्री कोर्ट से सजा पाए विदेशी कैदी अपील नहीं कर सकते थे। इस बिल के प्रभावी होने के बाद ऐसे कैदियों को अपील करने का अधिकार मिल जाएगा। 10 जून को पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोग नसीम ने इस बिल को संसद में पेश किया था। इसके बाद बिल को सीनेट के पास भेजा गया था। 

ICJ ने सुधार करने को कहा था
कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई के दौरान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने पाकिस्तान से अपने कानून में सुधार लाने को कहा था। इसका मकसद दूसरे देशों के कैदियों को न्याय दिलाना है। 

रॉ एजेंट के आरोप में पकड़ा था
कुलभूषण को 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ा गया था। पाकिस्तान सरकार इन्हें RAW एजेंट मानती है। हालांकि भारत सरकार कई बार यह स्पष्ट कर चुकी है कि कुलभूषण इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वे अपने बिजनेस के लिए ईरान गए थे।

पाकिस्तान पर अगवा करने का आरोप
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पर कुलभूषण को किडनैप करने का आरोप लगता रहा है। मिलिट्री कोर्ट ने 2017 में कुलभूषण को सजा-ए-मौत दी थी। भारत इस मामले को ICJ लेकर गया था। यह मामला तभी से पेंडिंग पड़ा है। हालांकि ICJ ने सजा पर रोक लगा दी थी। इस मामले में जाधव की ओर से ICJ में भारत के ख्यात वकील हरीश साल्वे ने दलीलें पेश की थीं। वही, एनएसए अजीत डोभाल ने भी पाकिस्तान के तत्कालीन एनएसए नासिर खान जंजुआ से इस मुद्दे पर बातचीत की थी। इस संबंध में कई बार बातचीत हो चुकी हैं।

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