IMF ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की पहली किश्त देने से भी इंकार कर दिया है। IMF से लोन लेने के लिए पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर, IMF से लगातार बातचीत कर रहे थे।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। दुनियाभर में आतंक (Terrorist) को बढ़ावा देना अब पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। एक तरफ पाकिस्तान में सत्ता और सेना के बीच टकराव की खबरें हैं वहीं, दूसरी तरफ इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर का लोन देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान कर्ज के दलदल में फंसा हुआ है।
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बेनतीजा रही बातचीत
IMF ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की पहली किश्त देने से भी इंकार कर दिया है। IMF से लोन लेने के लिए पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर, IMF से लगातार बातचीत कर रहे थे लेकिन ये बातचीत विफल रही और पाकिस्तान को कर्ज देने से इंकार कर दिया। ये दावा पाकिस्तान की मीडिया की तरफ से किए गए हैं। इमरान सरकार ने इस पूरे मामले में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने रविवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका में वित्त मंत्री शौकत तरीक की टीम और IMF के बीच 11 दिनों तक चली बातचीत अब तक बेनतीजा रही है। यह मीटिंग 4 से 15 अक्टूबर तक चली।
क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट के अनुसार, शौकत के वॉशिंगटन में रहने के दौरान ही पाकिस्तान सरकार ने बिजली और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के रेट बढ़ा दिए। दरअसल, IMF लगातार पाकिस्तान सरकार पर टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर जोर दे रहा है, लेकिन पाकिस्तान सरकार की मजबूरी ये है कि वो इस शर्त को नहीं मान सकती।
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फिर से होगी बातचीत
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार और IMF के बीच एक बार फिर से बातचीत हो सकती है लेकिन ये कब होगी इसे लेकर अभी तक कोई समय तय नहीं किया गया है। वहीं, IMF का कहना है कि इमरान सरकार की नीतियां ही ऐसी हैं जिनसे टैक्स कलेक्शन नहीं बढ़ाया जा सकता और न ही इसका फायदा अर्थव्यवस्था को हो सकता। यहां कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपाट हो चुकी है जिस कारण से इस देश को अब कोई गांरटर भी नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब पहले ही गारंटी लेने से इंकार कर चुका था अब पाकिस्तान का करीबी माना जाने वाले चीन ने भी गारंटी लेने से इंकार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान दुनिया के उन देशों में शामिल है जिनपर सबसे ज्यादा विदेशी कर्ज है।