पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इमरान खान के एक बड़े राजनीतिक दांव ने नई मुसीबत की आहट पैदा कर दी है। पूर्व पीएम इमरान खान ने अपनी पार्टी के सभी सदस्यों को प्रांतीय विधानसभाओं से इस्तीफा देने को कह दिया है।
इस्लामाबाद. पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इमरान खान के एक बड़े राजनीतिक दांव ने नई मुसीबत की आहट पैदा कर दी है। पूर्व पीएम इमरान खान ने अपनी पार्टी के सभी सदस्यों को प्रांतीय विधानसभाओं से इस्तीफा(Imran Khan's party MLAs resignation) देने को कह दिया है। देश में चुनाव कराने के लिए शहबाज शरीफ सरकार पर पर दबाव बनाने के लिए पूर्व क्रिकेटर की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी(PTI) ने यह फैसला किया है। अब पार्टी इस्लामाबाद की ओर मार्च करने की बजाय इस रणनीति पर आगे बढ़ेगी। इमरान खान की पार्टी के सभी सांसद नेशनल असेंबली से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया है। अगर इन सीटों पर चुनाव होते हैं, तो पाकिस्तान के सामने एक नया आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। पढ़िए कितना खर्च आएगा?
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने घोषणा की कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार पर जल्द चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने के लिए सभी विधानसभाओं से इस्तीफ दे देगी। PTI ने इस्लामाबाद के लिए अपने लंबे मार्च को कैंसल कर दिया है। अब इस्तीफे पर फैसला अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। पीटीआई और उसके सहयोगियों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सैकड़ों सीटें खाली हो जाएंगी और इन सीटों को वापस भरने का एकमात्र तरीका चुनाव है। क्लिक करके ये भी पढ़ें
इमरान खान की घोषणा के बाद पीटीआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान में कुल 563 सीटों पर चुनाव होंगे, जिसमें नेशनल असेंबली की 123 सीटें, पंजाब की 297 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा की 115 सीटें और सिंध और बलूचिस्तान में 26-26 सीटें शामिल हैं। कई सीटें खाली होने और इसके मद्देनजर चुनाव होने की वजह से चुनावों पर बहुत अधिक खर्चा होगा।
पाकिस्तानी मीडिया geo.tv की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल एसेंबली की एक सीट पर चुनाव कराने के लिए लगभग 80 मिलियन रुपये से 100 मिलियन रुपये की आवश्यकता होगी। एक प्रांतीय विधानसभा सीट पर चुनाव की लागत लगभग 60 मिलियन रुपये से 70 मिलियन रुपये होगी।
किसी विधानसभा के भंग होने की स्थिति में संबंधित विधानसभा के लिए ही चुनाव कराए जाएंगे। जियो न्यूज के मुताबिक, अगर कोई सीट खाली रहती है, तो पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने के लिए बाध्य है। अगर पीटीआई और उसके सहयोगियों द्वारा राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में सभी सीटें खाली कर दी जाती हैं, तो उपचुनावों की लागत लगभग 36 अरब रुपये हो जाएगी।
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