चीन का ये मिसाइल भारत पर आसानी से कर सकता है परमाणु हमला, जानें क्या है खासियत?

चीन और भारत के बीच आए दिन तनातनी का माहौल बना रहता है। सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आपस में भिड़ भी जाती है। इसको लेकर दोनों देश अपनी सेना की ताकत बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसी बीच चीन ने एक ऐसा हथियार तैयार किया है, जो भारत के लिए चिंता की बात है।

 

sourav kumar | Published : Apr 25, 2024 7:11 AM IST
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चीन का खतरनाक हथियार

चीन ने अपनी सेना की ताकत बढ़ाने के लिए एक ऐसा हथियार इजाद किया है, जो बैठे-बैठे भारत के किसी भी परमाणु ठिकाने को तबाह कर सकता है। चीन का DF-41 मिसाइल एक ऐसा ही खतरनाक हथियार है।

चीन ने अपनी सेना की ताकत बढ़ाने के लिए एक ऐसा हथियार इजाद किया है, जो बैठे-बैठे भारत के किसी भी परमाणु ठिकाने को तबाह कर सकता है। चीन का DF-41 मिसाइल एक ऐसा ही खतरनाक हथियार है।

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15 हजार किलोमीटर तक मारक क्षमता

 DF-41 डोंगफेंग [ईस्ट विंड]-41, CSS-20) एक तरह का चीनी रोड-मोबाइल इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। ये 15 हजार किलोमीटर तक अपने दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकता है,जो इसे चीन की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल बनाती है।

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परमाणु हमला करने की क्षमता

चीन का DF-41 डोंगफेंग कथित तौर पर कई स्वतंत्र-लक्षित वॉरहेड्स (MIRV) लोड करने में सक्षम है। ये बीजिंग से फायर करने के बाद भारत के किसी भी ठिकाने पर परमाणु हमला कर सकती है।

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DF-41 डोंगफेंग चौथी पीढ़ी की मिसाइल

DF-41 डोंगफेंग एक चौथी पीढ़ी की सॉलिड फ्यूल से चलने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल का संचालन चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स के जिम्मे होता है।

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30626 किमी/घंटे की स्पीड

22 मीटर लंबी और 2.25 मीटर गोलाई वाली DF-41 डोंगफेंग मिसाइल को ट्रक माउंटेड लॉन्चर के जरिए कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। DF-41 मिसाइल की रफ्तार मैक 25 (30626 किमी/घंटे) की है। डीएफ-41 मिसाइल का वजन 80,000 किलोग्राम है।

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DF-41 की अधिकतम गति 25 मैक

ऐसा माना जाता है कि DF-41 की अधिकतम गति 25 मैक है। यह मिसाइल पहले से ही MIRV  तकनीक से लैस है। डीएफ-41 एक बार में कम से कम 10 ठिकानों को निशाना बना सकता है।

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चीन की परमाणु निरोध क्षमता

बताया जाता है कि चीन ने DF-41 में MIRV तकनीक को अमेरिका की नेशनल मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती के जवाब में तैनात किया, जो चीन की परमाणु निरोध क्षमता को कम कर देती है।

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मिसाइल को बनाने की परियोजना 1986 में शुरू

इस मिसाइल को बनाने की परियोजना 1986 में शुरू हुई और अब इसे JL-3 कार्यक्रम के साथ जोड़ा जा सकता है। ऐसी रिपोर्ट भी हैं कि DF-41 एक बारे में 3 से 8 हथियार ले जा सकता है।

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