
COP28 summit: दुबई में हो रहे इंडिया ग्लोबल फोरम मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका 2023 (IGF ME&A) में भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु वित्त एवं प्रौद्योगिकी ट्रांसफर में प्रगति के लिए जोरदार दलील दी। सीतारमण ने पेरिस समझौते में उल्लेखित वादों पर धीमी प्रगति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आश्वासन दिया कि जियो-पॉलिटिक्स फ्रिक्शन्स, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर में बाधा नहीं डालेंगे। कॉरिडोर, विभिन्न क्षेत्रों के बीच व्यापार और साझेदारी को मजबूतकरने के लिए बनाई गई एक स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव है।
सोमवार को दुबई में हो रहे IGF ME&A में सीतारमण ने विकासशील और उभरते लोगों के हित में कंक्रीट एक्शन की प्राथमिकता को लेकर अपनी चिंताएं जताई। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत निश्चित रूप से यह प्रदर्शित करने के लिए आगे बढ़ेगा कि उसने अपने स्वयं के धन से क्या हासिल किया है। हमारे द्वारा दी गई पेरिस प्रतिबद्धता को हमारे द्वारा फंडिंग किया गया है। हमने उस सौ अरब का इंतजार नहीं किया जो कभी मेज पर नहीं है। मंत्री ने कहा कि विशेष रूप से विकासशील और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए, फंडिंग एक बड़ी चुनौती होने जा रही है। इसलिए मुझे लगता है कि बातचीत हो सकती है।
भू-राजनीतिक तनाव कॉरिडोर में नहीं बनेगा बाधा
सीतारमण ने कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (आईएमईईसी) को प्रभावित नहीं करेगा जिसकी घोषणा सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। उन्होंने कहा कि आईएमईईसी चिंता की किसी एक प्रमुख घटना पर निर्भर नहीं रहने वाला है बल्कि यह कुछ ऐसा है जिस पर दूरदर्शिता लंबे समय में कार्यान्वयन को संचालित करती है। भारत के माध्यम से वैश्विक व्यापार, वैश्विक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है और यह भी सुनिश्चित करेगा कि इस कॉरिडोर से इनमें से प्रत्येक देश को लाभ होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका महत्वपूर्ण
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका आने वाले समय में होगी। AI समाज पर प्रभाव डाल रहा है। AI आज वह तकनीक है जो लोगों को 21वीं सदी में सही तरीके से जाने में सक्षम बना रही है।
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