अफगानिस्तान में भारत द्वारा भेजे गए अनाज को जरूरतमंदों के बीच बांटा जा सके इसके लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य प्रोग्राम के साथ समझौता किया है।
रोम। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान सरकार आने के बाद से स्थिति बदहाल होती जा रही है। सरकार बदलने के बाद अफगानिस्तान को दुनिया के दूसरे देशों से मिलने वाली मदद रुक गई। इसके चलते अफगानिस्तान में संकट की स्थिति है। भोजन की कमी के चलते देश की बड़ी आबादी भूखमरी की स्थिति का सामना कर रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत मदद कर रहा है। भारत अफगानिस्तान को अनाज और दवाएं दे रहा है।
अफगानिस्तान में भारत द्वारा भेजे गए अनाज को जरूरतमंदों के बीच बांटा जा सके इसके लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य प्रोग्राम (UN World Food Program) के साथ समझौता किया है। इटली के रोम में भारत और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य प्रोग्राम ने एमओयू पर साइन किया। शुक्रवार को एक ट्वीट में इटली के रोम में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के अंदर खाद्यान्न वितरित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
भारत ने अफगानिस्तान को दी जीवन रक्षक दवाएं
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने 29 जनवरी को कहा था कि भारत ने युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता के तहत चिकित्सा सहायता के अपने चौथे बैच के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान को तीन टन दवाओं की आपूर्ति की है। भारत द्वारा भेजी गईं जीवन रक्षक दवाएं इंदिरा गांधी अस्पताल, काबुल को सौंपी गई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ अपने विशेष संबंधों को जारी रखने और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्रालय ने कहा था कि हम पहले ही चिकित्सा सहायता के तीन शिपमेंट की आपूर्ति कर चुके हैं, जिसमें अफगानिस्तान को COVID वैक्सीन की 500,000 खुराक और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। इसे डब्ल्यूएचओ और इंडिया गांधी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, काबुल को सौंप दिया गया था। मंत्रालय ने यह भी सूचित किया था कि आने वाले हफ्तों में भारत अफगानिस्तान के लोगों के लिए दवाओं और खाद्यान्नों सहित मानवीय सहायता के अधिक बैचों की आपूर्ति करेगा।
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