यूक्रेन-रूस विवाद को सुलझाने के लिए 4 देशों की नॉरमैंडी प्रोफार्मा पर 9 घंटे की मीटिंग बेनतीजा, मार्च मिलेंगे

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि हम सभी ने देखा कि कैसे कल नॉर्मंडी फोर के राजनीतिक सलाहकारों की बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

मॉस्को। यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) को सुलझाने के प्रयासों को लगातार झटका लग रहा है। यूक्रेन-रूस विवाद (Russia-Ukraine Conflict) को सुलझाने के लिए रूस, यूक्रेन, जर्मनी और फ्रांस के वार्ताकारों ने मीटिंग की लेकिन यह बेनतीजा निकला। क्रेमलिन (Kremlin) ने शुक्रवार को वार्ता विफल होने की जानकारी दी है।

नॉरमैंडी प्रोफार्मा पर हुई वार्ता

Latest Videos

रूस के अपने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण की योजना बनाने की आशंका के बीच राजनयिकों ने बर्लिन में कथित "नॉमैंडी" प्रारूप में मुलाकात की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि हम सभी ने देखा कि कैसे कल नॉर्मंडी फोर के राजनीतिक सलाहकारों की बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

उन्होंने कहा कि कुछ राजनयिकों को अलगाववादी संघर्ष पर कीव और मॉस्को के बीच 2015 मिन्स्क शांति समझौते के बहुत संक्षिप्त और बेहद स्पष्ट पाठ को पढ़ने में समस्या है। पेसकोव ने कहा कि दुर्भाग्य से यूक्रेनी पक्ष अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने के लिए सब कुछ कर रहा है।

क्या है नॉरमैंडी प्रारूप?

पूर्व में यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच लड़ाई को समाप्त करने के लिए 2014 में चार-तरफा "नॉरमैंडी" प्रारूप शुरू किया गया था। इसी के तहत चारों देश मीटिंग कर मुद्दों को सुलझाते हैं।

9 घंटे से अधिक समय तक मंथन भी बेनतीजा
 
गुरुवार की बैठक 9 घंटे से अधिक समय तक चली। यह मीटिंग यूक्रेन पर तनाव को कम करने के लिए यूरोपीय कूटनीति की हड़बड़ी के बीच हुई। पश्चिमी नेताओं को आशंका है कि रूस यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है। 

कीव के वार्ताकार और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सहयोगी एंड्री यरमक ने मीटिंग के बाद देर रात ब्रीफिंग में कहा, "हम एक आम दस्तावेज़ पर सहमत नहीं हो सके। हम काम करना जारी रखेंगे। हर कोई एक परिणाम पर पहुंचने के लिए दृढ़ है।" यरमक ने कहा कि आज सभी ने युद्धविराम के प्रति पूर्ण निष्ठा व्यक्त की, चाहे कोई भी स्थिति हो। जर्मनी के अनुसार, नॉरमैंडी प्रारूप में अगली बैठक मार्च के लिए निर्धारित है।

मास्को ने यूक्रेन बार्डर पर बढ़ा दी है गतिविधियां

मास्को द्वारा अपने पूर्व सोवियत पड़ोसी के साथ सीमा पर 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बाद पश्चिमी नेताओं ने यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण को लेकर आशंकित हैं।

इसे भी पढ़ें:

Pakistan के इस सच को अब PM Imran Khan ने भी किया स्वीकार, जानिए क्यों कहा-हम हो गए असफल

Hijab विवाद अभी थमा नहीं कि मुस्लिम लड़कियों के mobile numbers सोशल मीडिया पर कर दी शेयर, जानिए फिर क्या हुआ? 

भारत में लुप्तप्राय Cheetah से फिर जंगलों को किया जाएगा आबाद, अफ्रीकी देशों से 14 चीता लाने की तैयारी

Share this article
click me!

Latest Videos

तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
महाराष्ट्र में सत्ता का खेल: एकनाथ शिंदे का इस्तीफा, अगला सीएम कौन?
संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद ऑन हुआ तो बोले- मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता