Corona Period में हुए नुकसान से उबर रहा India, तीसरी तिमाही में तेज हुई व्यापार वृद्धि

Published : Dec 03, 2021, 11:46 PM IST
Corona Period में हुए नुकसान से उबर रहा India, तीसरी तिमाही में तेज हुई व्यापार वृद्धि

सार

कोरोना काल (Corona Period) में हुए नुकसान से भारत की अर्थव्यवस्था उबरने लगी है। भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। 2021 की तीसरी तिमाही में गुड्स और सर्विसेज दोनों क्षेत्र में भारत के व्यापार में तेजी आई है।

जेनेवा (स्विट्जरलैंड)। कोरोना काल (Corona Period) में हुए नुकसान से भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) उबरने लगी है। भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने इस संबंध में कहा है कि तीसरी तिमाही में भारत की व्यापार वृद्धि में तेजी आई है। 

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development) ने कहा है कि तीसरी तिमाही में गुड्स और सर्विसेज दोनों क्षेत्र में भारत के व्यापार में तेजी आई है। UNCTAD ने कहा है कि तीसरी तिमाही में सभी बड़ी अर्थव्यवस्था में कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई दिखी है। विशेष रूप से भारत के व्यापार वृद्धि में तेजी आई है। 

अर्थव्यवस्था में दिखा सुधार
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार तीसरी तिमाही में दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार दिखा है। यह 2019 में कोरोना काल की शुरुआत से अधिक रहा। सभी देशों का सामानों के आयात और निर्यात का स्तर 2019 से अधिक रहा। इसमें चीन और दक्षिण कोरिया का निर्यात विशेष रूप से अपवाद है। वहीं, सेवा क्षेत्र अभी भी 2019 के स्तर के नीचे या आसपास है। पूर्वानुमान के अनुसार 2021 में वैश्विक व्यापार 28 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। इसमें 2020 की तुलना में 23 फीसद की वृद्धि हो सकती है। 2021 के अंतिम छह महीने में वैश्विक व्यापार स्थिर हुआ था। हर तिमाही इसमें एक फीसद की वृद्धि हुई है। 

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार 2022 की स्थिति के बारे में अभी ठीक से कुछ नहीं कहा जा सकता। 2021 की तीसरी तिमाही में गुड्स ट्रेड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। सेवा के क्षेत्र में भी सुधार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी कोरोना महामारी शुरू होने से पहले के स्तर पर बना हुआ है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन की स्थापना 1964 में की गई थी। यह एक अंतर सरकारी संगठन है। इसका मकसद वैश्विक व्यापार में विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाना है।

 

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