Qatar: कतर जेल में बंद 8 भारतीय नौसेना अधिकारी हुए रिहा, जानें पूरे मामले का लेखा-जोखा
कतर ने आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। वे जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।
sourav kumar | Published : Feb 12, 2024 2:49 AM IST
कतर। भारत ने सोमवार (12 फरवरी) को घोषणा की कि कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उनमें से सात भारत लौट आए हैं। इनमें जो 7 व्यक्ति है उनका नाम सात व्यक्ति, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश है.
भारत वापस लौटे नौसेना अधिकारी कतर के डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे। वे व्यक्तिगत भूमिकाओं में कतरी अमीरी नौसेना बल में इतालवी U212 स्टील्थ पनडुब्बियों के लिए कतर में काम कर थे।
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कतर से जुड़े मामले का लेखा-जोखा
साल 2022
30 अगस्त: आठ लोगों को अज्ञात कारणों से गिरफ्तार किया गया और एकान्त कारावास में रखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
1 अक्टूबर: दोहा में भारतीय राजदूत और मिशन के उप प्रमुख ने नौसेना के दिग्गजों से मुलाकात की।
3 अक्टूबर: पहली काउंसलर पहुंच प्रदान की गई। डहरा ग्लोबल के सीईओ ने भी अपने अधिकारियों की मदद करने की कोशिश की लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने दो महीने एकान्त कारावास में बिताए और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
साल 2023
1 मार्च: दिग्गजों की कई जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
25 मार्च: आठ लोगों के खिलाफ आरोप दायर किए गए।
29 मार्च: कतरी कानून का पालन करते हुए मुकदमा शुरू हुआ।
30 मई: दाहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और इसके पूर्व कर्मचारी, ज्यादातर भारतीय, घर लौट आए।
4 अगस्त: गिरफ्तार लोगों को उनके सहकर्मियों के साथ एकान्त कारावास से जेल वार्ड में ले जाया गया, प्रत्येक सेल में दो आदमी थे।
26 अक्टूबर: कतर की एक अदालत ने सभी आठ लोगों को मौत की सजा सुनाई।
9 नवंबर: भारत ने कहा कि उसने आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा पर कतर के साथ अपील दायर की है।
23 नवंबर: अदालत ने मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील स्वीकार कर ली।
28 दिसंबर: भारत ने कहा कि आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को अब कम सजा का सामना करना पड़ेगा।
2024
12 फरवरी: भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों को रिहा कर दिया गया।