
Ramayan Event Washington. यूएस में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि दुनिया के भौगोलिक क्षेत्रों के बीच पुल की तरह है रामायण। यह लोगों को तमाम कठिनाईयों के बीच मानवीय व्यवहार की सीख देता है। यह हम व्यक्ति के भीतर अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष को दर्शाने वाला है। वाशिंगटन के यूएस कैपिटॉल में आयोजित कार्यक्रम 'रामायण अक्रॉस एशिया एंड बियांड' में उन्होंने यह बातें कही।
'रामायण अक्रॉस एशिया एंड बियांड' कार्यक्रम
वाशिंगटन में रामायण इवेंट के दौरान तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि रामायण इंडो-पैसिफिक के हेरिटेज को दर्शाने वाला ग्रंथ है। भगवान राम की कहानी और उनकी सीख पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रही है। इस समय यह कहने में कठिनाई नहीं है कि एक जो इससे सीख लेता और एक जो इसके साथ ही पैदा हुआ, दोनों के लिए यह मार्गदर्शक है। रामायण लोगों को तमाम कठिनाईयों के बीच मानवीय व्यवहार की सीख देता है। यह हम व्यक्ति के भीतर अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष को दर्शाने वाला है। यह पौराणिक ग्रंथ मानवीय रिश्तों की जटिलता को दर्शाता है। यह गवर्नेंस और आध्यात्मिकता को जोड़ता है। धर्म, कर्म, न्याय, त्याग, लॉयल्टी के साथ यह हमारे भीतर अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष का साक्षी है। रामायण से हमें एक साथ कई चीजें सीखने को मिलती हैं।
भौगोलिक क्षेत्रों के बीच पुल की तरह है रामायण
राजदूत संधू ने कहा कि रामायण भौगोलिक क्षेत्रों के बीच पुल की तरह है। इंडो पैसिफिक रीजन के कई देश इस पौराणिक गाथा से परिचित हैं। कंबोडिया से लेकर इंडोनेशिया तक, थाइलैंड से लेकर लाओस तक यह गाथा कला, साहित्य, धार्मिक परंपरा, विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है। हमने खुद यह महसूस किया है कि रामायण सीमाओं से भी आगे जाकर प्रभावित करता है। संधू ने कहा कि यह भागीदार देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और बातचीत के महत्व को भी दर्शाता है। यह मानवों के बीच मानवता का प्रतीक है।
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