
Israel-Hamas War. इजराइल और हमास के बीच जारी जंग अब तीन महीने पूरे कर चुका है और चौथा महीना जारी है। इस बीच मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। यूनाइटेड नेशंस में भारत की परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव रूचिका कंबोज ने इजराइल-हमार जंग में आम लोगों की मौत की आलोचना की है। भारत ने साफ कहा है कि आम लोगों की मौत किसी हाल में स्वीकार नहीं है। भारत ने कहा है कि यह मानवीय त्रासदी है और बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, जिसके जरिए इसका समाधान खोजा जाना चाहिए।
भारत ने यूएन में रखा अपना पक्ष
यूनाइटेड नेशंस में भारत की परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव रूचिका कंबोज ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच चल रहे विवाद में बड़ी संख्या में आम लोगों, खासकर महिलाओं और बच्चों की मौतें हो रही हैं। यह मानवीय त्रासदी से कम नहीं है। हम इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि आम लोगों की मौतें हो रही हैं। लेकिन हम हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले की भी आलोचना करते हैं। यह शॉकिंग था और कोई भी इसे सही नहीं ठहरा सकता। भारत हमेशा आतंकवाद के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है।
पश्चिम एशिया पर भारत का रूख
अपनी बातचीत को आगे रखते हुए कंबोज ने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में पश्चिम एशिया के हालात पर भारत का पक्ष रखा। कंबोज ने हालात को सही करने के लिए भारत के प्रयासों की भी जानकारी दी। कहा कि भारत गाजा में लगातार मानवीय सहायता दे रहा है। भारत का लीडरशिप इस क्षेत्र के नेताओं से लगातार संपर्क में और हमने जी20 के मंच से भी यही बातें कही हैं। इसके अलावा नवंबर 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन में भी अपना पक्ष रखा था। हम अपने सिद्धातों के साथ मौजूदा हालात को देख रहे हैं।
7 अक्टूबर 2023 को हमास का हमला
इजराइल पर हमास ने बीते 7 अक्टूबर को पांच हजार से ज्यादा रॉकेट से हमले किए थे, जिसमें करीब 1400 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा हमास ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक भी बना लिया। इसके तुरंत बाद इजराइल ने हमास के ठिकानों पर हमले जारी किए, जो अभी तक चल रहा है। माना जा रहा है कि इजराइल के हमले में अब तक 22,000 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं।
यह भी पढ़ें
इस पड़ोसी देश ने भारत को बताया अपना मददगार, चीन के मामले में निश्चिंत रहने का दिलाया भरोसा
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।