सार

भारत मालदीव विवाद के बाद अब बांगलादेश इंडिया के समर्थन में आ गया है। बांग्लादेश ने भारत को भरोसा दिलाया है कि चीन के सामने वह झुकेगा नहीं। भारत हमारा मददगार देश है और हम उसके साथ हैं। 

वर्ल्ड न्यूज। भारत के प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी मालदीव को भारी नुकसान में डाल सकती है। भारत से मालदीव घूमने जाने वाले ज्यादातर टूरिस्ट ने उससे किनारा कर लिया है। वहीं मालदीव प्रकरण के बासद बांग्लादेश ने भी भारत को भरोसा दिलाया है कि वह चीन के साथ भले ही व्यापार करे लेकर उसके सामने कभी झुकेगा नहीं। भारत उसका मददगार देश है और वह उसका समर्थन करता है।

मालदीव का पर्यटन डगमगाया
मालदीव के मुख्य आय का जरिया पर्यटन है लेकिन अब भारत और उसका समर्थन करने वाले ज्यादातर देशों के टूरिस्टों ने मालदीव से किनारा करना शुरू कर दिया है। ऐसे में मालदीव पर्यटन मैनेजमेंट गड़बड़ा गया है। इससे उसकी आय भी घट रही है। 

पढ़ें  भारतीय टूरिस्टों ने किया बॉयकाट तो चीन से गिड़गिड़ाने लगा मालदीव, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ड्रैगन से कहा-पर्यटक भेजिए

बांग्लाजदेश ने भारत का किया समर्थन
भारत से विवाद के बाद मालदीव का जो हाल हो रहा है उससे साथ के पड़ोसी देश को भी काफी कुछ समझ आ गया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने कहा है कि भारत ने बांग्लादेश की आजादी के लिए अपना खून बहाया है। ऐसे में वह हमेशा से हमारा मददगार रहा है। बांग्लादेश ने भरोसा दिलाया कि वह मालदीव की तरह चीन की बातों में नहीं आएगा। इस लिए भारत बिल्कुल निश्चिंत रहे। हम चीन के कभी भी नहीं झुकेंगे। 

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा- हम चीन के कर्जदार नहीं
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे देश में चीन का बहुत प्रभाव नहीं है। चीन हमारा डेवलपमेंट पार्टनर है और हमारे कुछ प्रोजेक्ट्स में हमारा साथ दे रहा है। लेकिन आर्थिक मदद की बात करें तो हमें चीन से जो पैसा मिला है वह जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम है। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश चीन का कर्जदार होता जा रहा। हालांकि एक देश दूसरे देश का कर्जदार तब होता है जब उस पर 55 फीसदी की उधारी हो जाए जबकि हमारी 13.6 फीसदी ही है। 

पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी पर ये कहा
पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी पर मोमन ने कहा कि हम देश की जो तहजीब है उसके तहत हम दूसरों का सम्मान करते हैं। किसी तरह की अभद्र बातें करना किसी के लिए भी गलत है। अपने नेताओं से यही अपेक्षा रखते हैं।