मानव तस्करी कर कंबोडिया में 'साइबर स्लेव' बनाए गए 14 भारतीयों को छुड़ाया

भारत में सक्रिय मानव तस्करी गैंग बेरोजगार युवकों को धोखा देकर नौकरी के लिए अवैध तरीके से विदेश भेज रहे हैं और साइबर अपराधियों को बेच दे रहे हैं। साइबर अपराधी इन युवकों को बंधक बनाकर साइबर अपराधी बना रहे।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 20, 2024 10:21 AM IST / Updated: Jul 20 2024, 05:44 PM IST

Cyber Slave freed: मानव तस्करी के माध्यम से कंबोडिया भेज साइबर स्लेव बनाए गए भारतीयों में 14 को छुड़ाने में सफलता मिल गई है। सैकड़ों भारतीयों को नौकरी के नाम पर बहला-फुसलाकर साइबर स्लेव बनाया गया है और उनसे ऑनलाइन फ्रॉड कराया जा रहा। गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों को मिली एक रिपोर्ट में इस साइबर फ्रॉड और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भंड़ाफोड़ हुआ था। छुड़ाए गए 14 भारतीयों में अधिकतर यूपी और बिहार के रहने वाले हैं। इनको कंबोडिया पुलिस ने रेस्क्यू किया है। एक एनजीओ की देखरेख में यह फिलहाल रखे गए हैं। एक एनजीओ की देखरेख में यह फिलहाल रखे गए हैं। जल्द ही इन लोगों के भारत लौटने की उम्मीद है।

दरअसल, कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय सहित खुफिया एजेंसियों को एक रिपोर्ट मिली थी। रिपोर्ट में मानव तस्करी गैंग और साइबर माफिया के गठजोड़ का जिक्र किया गया है और बताया गया है कि कैसे भारत के बेरोजगारों को धोखे से नौकरी के नाम पर विदेश भेजा जा रहा है। इनको दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भेजा जा रहा है। वहां उनको साइबर अपराध में धकेल दिया जा रहा। अगर कोई इनकार कर रहा है तो उनको भयानक तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। साइबर अपराधी उनको जबरिया बंधक बनाकर रख रहे हैं। युवाओं को यह लोग भारतीय एजेंट्स के नाम पर लाओस, कंबोडिया, म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों में भेजवाते हैं।

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5000 से अधिक बेरोजगार कंबोडिया में फंसे

हाल ही में आई रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडिया में 5,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं। इन्हें अवैध साइबर गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मजबूर किया गया। भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस साल की शुरुआत में लगभग 250 भारतीयों को बचाया गया और वापस भेजा गया।

कंबोडिया में छुड़ाए गए भारतीयों में एक पीड़ित ने बताया कि उन लोगों को वैध नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन कंबोडिया पहुंचने पर इनके पासपोर्ट छीन लिए गए। फिर भारतीय लोगों को निशाना बनाने के लिए साइबर स्कैमिंग कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।

इस साल भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग से सावधान रहने की अपील की थी। भारतीय दूतावास ने बताया कि ये फर्जी नौकरियां कॉल-सेंटर और क्रिप्टो-करेंसी धोखाधड़ी में शामिल संदिग्ध कंपनियों द्वारा दी जाती हैं। बेरोजगारों को 'डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव' या 'ग्राहक सहायता सेवा' जैसे पदों के लिए ऑफर किए जाते हें जिसमें कोई न कोई फंस ही जाता है।

कंबोडिया भेजने वाला एक गिरोह दिसंबर में पकड़ा गया था

ओडिशा की राउरकेला पुलिस ने 30 दिसंबर को एक साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने कथित तौर पर लोगों को कंबोडिया भेजने में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया।

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