वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन (COP28 Meeting) का आयोजन किया जा रहा है। इस मीटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
COP28 Meeting. वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन (COP28 Meeting) से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जलवायु फंडिंग और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मुद्दे पर सिर्फ बयान नहीं बल्कि अब ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। वित्तमंत्री ने दुबई में इंडिया ग्लोबल फोरम मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका 2023 (IGF ME&A) के उद्घाटन समारोह में वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह बातें कही हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बयान
भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत निश्चित रूप से इसके लिए आगे बढ़ेगा कि उसने अपने फंड से क्या हासिल किया है। हमने पेरिस डिक्ल्येरेशन में जो कहा वह करेंगे। हमने सौ अरब का इंतजार नहीं किया जो कभी मेज पर था ही नहीं बल्कि हमने अपने फंड से काम आगे बढ़ाया। वित्त मंत्री ने कहा कि कई सारी बातें हैं लेकिन पैसा सा्मने नहीं आ रहा। यह भी क्लियर नहीं हो रहा है कि टेक्नोलॉजी की ट्रांसफर किस तरीके से किया जाना है। वित्त मंत्री ने साफ कहा कि अब सिर्फ बयान की जरूरत नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। शेष रूप से विकासशील और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए जलवायु परिवर्तनों के लिए वित्तपोषण बड़ी चुनौती होने जा रही है। इसलिए मुझे लगता है कि बातचीत हो सकती है लेकिन हर बात पर प्रतिबद्धता दिखनी चाहिए।
मिडिल-ईस्ट में क्या हैं चुनौतियां
इंडिया ग्लोबल फोरम मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका 2023 (IGF ME&A) कार्यक्रम के दौरान वित्तमंत्री ने मौजूदा समय की चुनौतियों को स्वाकार किया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रभावित नहीं करेगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस कॉरिडोर का ऐलान सितंबर 2023 के जी20 शिखर सम्मेलन में किया गया था। वित्तमंत्री ने कहा कि हम किसी एक घटना पर निर्भर नहीं हैं और मौजूदा हालात के बावजूद इसे आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि मिडिल-ईस्ट के साथ भारत के बहुत ही अच्छे संबंध हैं।
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