इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली में चल रहा जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) समाप्त हो गया है। इंडोनेशिया ने अगले एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता (G20 Presidency) भारत को सौंप दी है। जी20 समिट के मेंबर संयुक्त घोषणा को अंतिम रूप दे दिया गया।
G20 Presidency To India. इंडोनेशिया के बाली में चल रहा जी20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो गया है। इंडोनेशिया ने अगले एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंप दी है। जी20 समिट के मेंबर संयुक्त घोषणा को अंतिम रूप दे दिया गया। इंडोनेशिया के प्रेसीडेंट जोको विडोडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंप दी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि समूह की अध्यक्षता संभालना भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम सभी देशों के प्रयास से जी20 शिखर सम्मेलन को वैश्विक कल्याण के लिए उत्प्रेरक बन सकते हैं।
पीएम मोदी ने क्या कहा
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भारत ने जी20 की कमान संभाली है, तब दुनिया जियो-पॉलिटिकल तनाव, आर्थिक मंदी, खाद्य और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से जूझ रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और एक्शन ओरिएंटेड होगा। भारत को अध्यक्षता सौंपने के साथ ही दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का समापन हो गया और सभी सदस्य देशों को द्वारा संयुक्त घोषणा को अंतिम रूप दे दिया गया।
इस दौरान विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत ने जी20 के परिणाम दस्तावेज को तैयार करने में रचनात्मक भूमिका निभाई है। जी 20 में कुल 19 देश हैं जिसमें भारत के अलावा अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए और यूएस, यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। यह समूह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80 प्रतिशत, इंटरनेशनल व्यापार का 75 प्रतिशत और विश्व जनसंख्या का दो-तिहाई हिस्सा है।
अगले साल भारत में होगा जी20 शिखर सम्मेलन
अगले एक साल के लिए भारत जी20 समूह की अध्यक्षता करेगा। अगला शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही कहा था कि अगली बार हम जब मिलेंगे तो वह धरती बुद्ध और गांधी की धरती होगा, जहां से विश्व कल्याण का मंत्र दुनिया को मिलेगा। जी20 समूह के देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर विशेष चर्चा की है और ज्यादातर देशों ने इसे तुरंत समाप्त करने पर सहमति जताई है।
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