सार
इंडोनेशिया के बाली में 15 नवंबर को को G20 सम्मेलन शुरू हुआ। इस पूरे सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छाए रहे। इस दौरान उनके भाषण में कई ऐसी बातें सामने आईं, जिनसे कोई व्यक्तिगत शख्स ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया सीख ले सकती है। आइए जानते हैं, मोदी के भाषण की 7 बड़ी बातें।
G-20 Summit: इंडोनेशिया के बाली में 15 नवंबर को को G20 सम्मेलन शुरू हुआ। इस पूरे सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छाए रहे। फिर चाहे, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का खुद आगे बढ़कर उनसे मिलना हो, या चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी आमने-सामने की मुलाकात। बता दें कि मोदी ने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित किया। इस दौरान उनके भाषण में कई ऐसी बातें सामने आईं, जिनसे कोई व्यक्तिगत शख्स ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया सीख ले सकती है। आइए जानते हैं, मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें।
1- शांति :
सम्मेलन के पहले सत्र में PM मोदी ने कहा- कोरोना और इसके बाद यूक्रेन में आए संकट ने दुनिया में भारी तबाही मचाई है। इसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा है। यूनाइडेट नेशन (UN) भी इन मुद्दों पर कुछ खास नहीं कर पाया। ऐसे में हमें यूक्रेन-रूस जंग को रोकने के लिए रास्ता तलाशना होगा। हमें यूक्रेन में जंग को रोकने के लिए कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए। पिछली शताब्दी में दूसरे विश्व युद्ध ने दुनिया में जमकर तबाही मचाई। हालांकि, उस वक्त के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने की कोशिश की। अब हमारा नंबर है।
2- अपनापन :
जी-20 सम्मेलन के दौरान डिनर से कुछ घंटे पहले मोदी ने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा- इंडोनेशिया और खास कर बाली आने के बाद हर एक हिंदुस्तानी को एक अलग फीलिंग आती है। मैं भी उसी तरह की वाइब्रेशंस महसूस कर रहा हूं। हमारा हजारों साल पुराना नाता है। हम हजारों साल से इस परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं।
3- दोस्ती :
पीएम मोदी ने आगे कहा- हम बाली में हैं और इसी समय यहां से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर भारत के कटक शहर में महानदी के किनारे बाली यात्रा का महोत्सव चल रहा है, जिसे बाली जात्रा कहते हैं। ये महोत्सव भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों सालों के ट्रेड रिलेशंस को सेलिब्रेट करता है। इंडोनेशिया के लोग जब बाली जात्रा के फोटो देखेंगे तो उनका मन आनंद और गर्व से भर जाएगा। हम लोग अक्सर बातचीत में कहते हैं- इट्स ए स्मॉल वर्ल्ड। भारत-इंडोनेशिया के संबंधों को देखें तो ये बिल्कुल सटीक है। समंदर की विशाल लहरों ने दोनों देशों के संबंधों को लहरों की तरह ही उमंग से भरा है, जीवंत रखा है। भारतीय यहां के विकास में सहयात्री बने हुए हैं। 2018 में जब यहां भूकंप आया तो हमने ऑपरेशन समुद्र मैत्रीयी चलाया था।
4- मदद :
कोरोना काल में भारत ने अपने नागरिकों को जितनी वैक्सीन डोज मुफ्त में लगाई, वो अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की आबादी से ढाई गुना ज्यादा है। कोरोना काल में हमने देखा है, भारत ने दवाइयों से लेकर वैक्सीन तक जरूरी संसाधनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल की। भारत के सामर्थ्य ने कितने ही देशों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया है। इसलिए मैं कहता हूं कि भारत बदला है। हम स्वार्थी नहीं हैं। दुनिया को हमसे अपेक्षा है। हम जिम्मेदारी से इसे पूरा कर रहे हैं।
5- विकास :
मोदी ने अपने भाषण में कहा- जब विरासत साझा होती है, मानवता के प्रति आस्था समान होती है तो प्रगति के लिए भी समान रास्ते बनते जाते हैं। दोनों देशों के पास एक-दूसरे से सीखने के लिए बहुत कुछ है। भारत के पास भी इंडोनेशिया को देने के लिए बहुत कुछ है। भारत की टेक्नोलॉजी, भारत का टैलेंट, भारत का इनोवेशन, भारत की इंडस्ट्री आज इन सारी बातों ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। आज दुनिया की कई बड़ी कंपनियां ऐसी हैं, जिनके सीईओ भारतीय मूल के हैं। आज भारत दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग लार्ज इकोनॉमी है। आज भारत डिजिटल लेनदेन में दुनिया में नंबर वन है। आज भारत ग्लोबल फिनटेक के मामले में दुनिया में नंबर वन है। आउटसोर्सिंग, स्मार्ट फोन डेटा कंजम्प्शन और न जाने कितनी ही दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग में नंबर वन है।
6- बदलाव :
मोदी ने आगे कहा- 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क जो है, वो मोदी नहीं बल्कि स्पीड और स्केल का है। आज भारत अभूतपूर्व स्पीड और अप्रात्यशित स्केल पर काम कर रहा है। भारत अब छोटा सोचता ही नहीं। स्टैच्यू बनाएगा तो दुनिया में सबसे बड़ा, स्टेडियम बनाएगा तो सबसे बड़ा।
7- स्वाभिमान
2014 के बाद से भारत ने 320 मिलियन (32 करोड़) से ज्यादा बैंक अकाउंट खोले हैं। इसका मतलब ये है कि अमेरिका की जितनी कुल आबादी है, उतने तो हमने बैंक अकाउंट खोले हैं। 2014 के बाद से भारत ने 3 करोड़ नागरिकों के लिए मुफ्त घर बनाए हैं। हमने इतने घर बनाए हैं कि ऑस्ट्रेलिया के हर एक नागरिक को घर मिल सकता है। पिछले 7-8 सालों में हमने 55 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए हैं। ये पूरी धरती के लगभग डेढ़ चक्कर लगाने के बराबर है। आज भारत आयुष्मान योजना के तहत जितने लोगों को 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा दे रहा है, वो पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी से भी ज्यादा है। ये सुनकर आप सभी का सीना भी गर्व से फूल जाता होगा।
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