
इस्लामाबाद(ISLAMABAD). आतंकवाद और राजनीतिक संकट के बीच विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान के सामने जीवन-मरण के हालात पैदा कर दिए हैं। कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाए जाने से बौखलाहट के चलते भारत से व्यापारिक रिश्ते तोड़ने, रूस-यूक्रेन युद्ध, तालिबान से तनातनी से उपजी विकट परिस्थितियों ने पाकिस्तान का कंगाली की राह पर धकेल दिया है।
एक और वैश्विक मंदी(global recession) की चेतावनी देते हुए विश्व बैंक ने मंगलवार को पाकिस्तान की इकोनॉमिक ग्रोथ चालू वर्ष के दौरान 2% तक और धीमी होने का अनुमान लगाया है(यानी जून 2022 के अनुमान से 2% अंक नीचें). यह विनाशकारी बाढ़ और ग्लोबल ग्रोथ में मंदी के कारण है। इस साल वैश्विक विकास दर 1.7 प्रतिशत आंकी गई है, जून में 3 प्रतिशत की भविष्यवाणी की गई थी। बैंक की लेटेस्ट ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व बैंक का नवीनतम पूर्वानुमान भी इस साल वैश्विक विकास दर 1.7 प्रतिशत रहने के साथ तीव्र, लंबे समय तक चलने वाली मंदी की ओर इशारा करता है। बता दें कि यह वर्ल्ड बैंक का एक प्रमुख पब्लिकेश है।
रिपोर्ट में, वाशिंगटन स्थित ऋण एजेंसी(lending agency) ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक उत्पादन न केवल खुद घट रहा है] बल्कि क्षेत्रीय विकास दर को भी नीचे ला रहा है। इसने 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर के 3.2pc तक सुधरने का अनुमान लगाया है, लेकिन वह भी पहले के 4.2pc के अनुमान से कम होगा। इसने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरों, घटे हुए निवेश और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न व्यवधानों के कारण वैश्विक विकास तेजी से धीमा हो रहा था।
रिपोर्ट में, वाशिंगटन स्थित ऋण एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक उत्पादन न केवल खुद घट रहा है बल्कि क्षेत्रीय विकास दर को भी नीचे ला रहा है। इसने 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर के 3.2pc तक सुधरने का अनुमान लगाया है, लेकिन वह भी पहले के 4.2pc के अनुमान से कम होगा।
कर्ज संकट के साथ घटते विदेशी मुद्रा भंडार(debt crisis and depleting forex reserves) के चलते पाकिस्तान साल-दर-साल रिकॉर्ड मुद्रास्फीति( inflation) का भी सामना कर रहा है। यहां हर चीज के दाम आसमान पर हैं। प्याज की कीमतों में सबसे अधिक 501 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चिकन ब्रायलर (82.5), दाल चना (51.5) और नमक पाउडर (49.5) के साथ क्रमश: बने हुए हैं। 5 जनवरी तक एक किलो प्याज की कीमत इसी तारीख में एक साल पहले के 36 रुपये बढ़कर 220 रुपये हो गई है। यानी 501 फीसदी की बढ़ोतरी। चिकन ब्रायलर एक साल पहले 210 रुपये किलो था। अब यह 383 रुपये किलो बिक रहा है। चना दाल करीब 151 रुपये से 228 रुपये किलो बिक रही है।
ये कीमतें पाकिस्तानी रुपए (पीकेआर) में हैं। अगर भारतीय कीमतों से तुलना करें,तो पाकिस्तानी एक किलो प्याज (विनिमय दर समायोजन के बाद) के लिए लगभग 80 रुपये का भुगतान कर रहे हैं। चावल और तेल की कीमतों में 40-50 फीसदी की तेजी आई है। इस समय एक किलो बासमती चावल की कीमत 46 फीसदी बढ़कर 146 रुपये हो गई है। दूध की कीमतें 30 प्रतिशत बढ़कर लगभग 150 रुपये हो गई हैं। दिसंबर 2022 में देश की कुल मुद्रास्फीति 24.5 प्रतिशत पर आ गई। यह भारत की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है।
पाकिस्तान का विदेशी भंडार आठ साल के निचले स्तर 5.576 अरब डॉलर पर आ गया है। यह केवल तीन सप्ताह के आयात के लिए ही बचा है। स्थिति इतनी खराब हो गई कि सरकार को हाल ही में ऊर्जा संरक्षण के लिए बाजारों और हॉल को जल्दी बंद करने का आदेश देना पड़ा है, क्योंकि उसके पास तेल आयात करने के लिए पर्याप्त भंडार नहीं था।
देश के कुछ हिस्सों में आटे की किल्लत है। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध प्रांत जैसे कई इलाकों में आटे के लिए भगदड़ तक हुई है। पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट होने के कगार पर है। बाहरी ऋण का भुगतान करने के लिए उसे इस वित्तीय वर्ष के दौरान कम से कम $ 13 बिलियन की आवश्यकता है। विश्व बैंक की एक वार्षिक ऋण रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद का कुल बाहरी ऋण 2021 तक 130.433 बिलियन डॉलर था। पाकिस्तान को वित्त वर्ष 2023 तक 33 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद ने पिछले महीने कहा था कि 20 बिलियन डॉलर का हिसाब दिया गया था, लेकिन जून 2023 तक देश को अभी भी 13 बिलियन डॉलर की जरूरत है।
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो( Pakistan Bureau of Statistics) के अनुसार, पाकिस्तान में वार्षिक मुद्रास्फीति की दर नवंबर में 23.8% से बढ़कर 2022 के दिसंबर में 24.5% हो गई। खाद्य कीमतों में 35.5% की वृद्धि हुई। यह पिछले महीने में 31.2% से अधिक है। प्याज (415%), चाय (63.8%), गेहूं (57.3%), अंडे (54.4), साबुत चना (53.2%) और चावल (46.6%) में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अवमानना मामले(contempt case) में इमरान खान, उनके सहयोगियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान के चार सदस्यीय चुनाव आयोग (ईसीपी) की पीठ ने खान और उनके करीबी सहयोगियों-फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ वारंट जारी किया है। यह मामला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के शीर्ष नेताओं द्वारा पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) और मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ जारी किए गए बयानों पर आधारित है।
चुनाव प्रहरी ने पिछले साल अगस्त और सितंबर में अवमानना की अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया था, जब पीटीआई नेताओं ने बार-बार आयोग और राजा को उनकी पक्षपातपूर्ण नीति और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज का कथित रूप से समर्थन करने का दावा किया था। पिछली सुनवाई में ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को पेश होने का आखिरी मौका दिया था।
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