नए भारत की अभिव्यक्ति है आईएनएस विक्रांत, राष्ट्रीय सुरक्षा हुई मजबूत: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आईएनएस विक्रांत से राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है। यह नए भारत की अभिव्यक्ति है। इससे दुनिया की भलाई के लिए काम करने की भारत की क्षमता बढ़ी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2022 4:52 PM IST

अबू धाबी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत नए भारत की अभिव्यक्ति है। इसके नौसेना में शामिल होने से राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है। इसके साथ ही दुनिया की भलाई की भारत की क्षमता में इजाफा हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात की तीन दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने कहा कि भारत वह देश है जो परेशानी होने पर सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है। भारत दुनिया की भलाई के काम में अपना योगदान लगातार बढ़ा रहा है। 

 

 

 

चुनिंदा देशों में शामिल हुआ भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में शामिल किया। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिसके पास ऐसे बड़े जहाजों को बनाने की क्षमता है। विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के साथ ही भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के एक चुनिंदा क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी रूप से विमान वाहक पोत डिजाइन करने और उसे बनाने की क्षमता है।

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262 मीटर लंबा है विक्रांत 
विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इसका वजन 43 हजार टन है। वाहक पूरी तरह से लोड होने पर लगभग 43,000 टी को विस्थापित करता है, जिसमें 7500 एनएम के धीरज के साथ 28 समुद्री मील की अधिकतम डिजाइन गति होती है। यह बिना रुके समुद्र में 13890 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार   51 किलोमीटर प्रतिघंटा है। विक्रांत को बनाने में 20 हजार रुपए खर्च हुए हैं। इस पोत से 30 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर का संचालन किया जा सकता है। 

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