प्रजनन काल में पुलिस से लेकर सेना तक दे रही सिक्योरिटी, ताकि 'मछली जल की रानी' को कोई को हाथ न लगाए

बांग्लादेश सरकार ने इस मछली के पकड़ने, बेचने, जमा करने और ट्रांसपोर्टिंग पर 22 दिनों का प्रतिबंध लगाया है। यह 7 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक लागू रहेगा। यह वो समय है, जब मछली अपने चरम प्रजनन पर होती है। 

Amitabh Budholiya | Published : Oct 11, 2022 4:20 AM IST / Updated: Oct 11 2022, 09:51 AM IST

ढाका(Dhaka). बांग्लादेश की नेशनल फिश हिलसा या इलिश(Hilsha or ilish Fish) ने एक बार फिर गदर बरपाया है। इस मछली के पकड़ने पर बैन के बाद मछुआरों के हमले में 6 नदी रिवर पुलिसवाले( river police personnel) घायल हो गए। ये पुलिसवाले सरकार द्वारा बैन के बाद चांदपुर में मेघना नदी में मछली पकड़ने वालों पर कार्रवाई करने पहुंचे थे।सरकार ने मछली पकड़ने, बेचने, जमा करने और ट्रांसपोर्टिंग पर 22 दिनों का प्रतिबंध लगाया है। यह 7 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक लागू रहेगा। यह वो समय है, जब मछली अपने चरम प्रजनन(peak breeding period) पर होती है। इस अवधि के दौरान मछली के अंडे की रक्षा के लिए यह बैन लगाया गया है। यह सबसे स्वादिष्ट और सबसे महंगी मछली मानी जाती है। ये वो फिश है, जिससे बांग्लादेश की इकोनॉमी भी चलती है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

पहले जानिए हमले से जुड़ी खबर
यह हमला सोमवार की रात हुआ। एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट शर्मिन अख्तर और जाहिद हसन के नेतृत्व में एक टीम अभियान का संचालन करने के लिए सदर उपजा में बिश्नापुर यूनियन के सफरमाली इलाके में गई थी, तभी मछुआरों के एक समूह ने उन पर ईंट-पत्थर फेंके। चांदपुर रिवर पुलिस स्टेशन के आफिसर इन चार्ज  एमडी कुमरुज्जमां ने बताया-"हमले के दौरान नदी पुलिस के 26 वर्षीय हसन मिया गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें चांदपुर सामान्य अस्पताल ले जाया गया। बाद में हसन को ढाका के केंद्रीय पुलिस अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस हमले में कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका चांदपुर जनरल हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार किया गया।"

भारत को हिल्सा निर्यात: बांग्लादेश ने 2022 में अब तक 13.6 मिलियन डॉलर कमाए
बांग्लादेश के मत्स्य पालन और पशुधन मंत्री एसएम रेजाउल करीम( Fisheries and Livestock Minister SM Rezaul Karim) का कहना है कि बांग्लादेश में हिल्सा का उत्पादन पिछले 12 वर्षों में दोगुना हो गया है और उत्पादन की दर अब 90% है। करीम के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने इस साल अब तक भारत को 1,352 टन हिलसा मछली के निर्यात से 13.6 मिलियन डॉलर की कमाई की है। मंत्री पिछले दिनों सचिवालय में आयोजित 'मदर हिलसा संरक्षण अभियान 2022(Mother hilsa conservation drive 202)' पर एक प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा था कि हर साल की तरह सरकार 7 से 28 अक्टूबर तक हिलसा मछली पकड़ने पर 22 दिनों का प्रतिबंध लगाने जा रही है।

उन्होंने कहा था कि इस अवधि के दौरान 7,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हिल्सा को पकड़ना, बेचना और परिवहन करना प्रतिबंधित रहेगा, ताकि अत्यधिक लोकप्रिय मछली के प्रजनन काल के दौरान सुरक्षित रूप से प्रजनन सुनिश्चित किया जा सके। मंत्री ने सख्त हिदायत दी थी-“कानून का उल्लंघन करने वालों को कारावास और जुर्माना सहित कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।"

इस प्रतिबंध अवधि के दौरान चांदपुर, लक्ष्मीपुर, नोआखली, फेनी, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार, बरिशाल, भोला, पटुआखली, बरगुना, पिरोजपुर, झलकाठी, बागेरहाट, ढाका सहित 20 जिलों में जैसे शरीयतपुर, मदारीपुर, फरीदपुर, राजबाड़ी, मानिकगंज और मुंशीगंज जिले में हिलसा पकड़ने, बेचने और परिवहन सहित सभी गतिविधियों पर बैन रहेगा। प्रतिबंध के दौरान जिलों के बर्फ कारखाने भी बंद रहेंगे।

यहां पकड़ सकेंगे अन्य मछलियां
इस बीच, गोपालगंज, नारायणगंज, नरसिंगडी, किशोरगंज, तंगेल, राजशाही, चपैनवाबगंज, पबना, सिराजगंज, नटोर, बोगरा, कुरीग्राम, गैबंधा, ब्राह्मणबरिया, खुलना, कुश्तिया, नरेल और जमालपुर जिलों सहित 18 जिलों के मछुआरों को हिल्सा को छोड़कर अन्य मछलियों को पकड़ने की अनुमति होगी। मंत्री के अनुसार, लोगों को हिलसा मछली पकड़ने और बेचने से हतोत्साहित करने के लिए 38 जिलों की सभी नदियों, मत्स्य घाट, थोक बाजार, चेन की दुकानों और अन्य बाजारों में मोबाइल कोर्ट दिन-रात अभियान चलाएंगे। पुलिस के साथ स्थानीय प्रशासन, नौसेना के जवान, वायु सेना, तटरक्षक बल, आरएबी, नदी पुलिस और मत्स्य विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाएंगे।

पेटेंटेड प्रॉडक्ट है हिल्सा
बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली हिल्सा को बांग्लादेश के प्रमाणित पेटेंट उत्पाद(certified patented product of Bangladesh) के रूप में मान्यता प्राप्त है। बांग्लादेश के लगभग 600,000 लोग प्रत्यक्ष रूप से हिलसा पकड़ने में शामिल हैं, जबकि 2-2.5 मिलियन लोग अप्रत्यक्ष रूप से परिवहन, बिक्री और अन्य गतिविधियों में शामिल हैं। सरकार की पहल की बदौलत वित्तीय वर्ष 2020-21 में हिलसा का उत्पादन बढ़कर 5.65 लाख मीट्रिक टन हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2008-09 में यह 2.98 लाख मीट्रिक टन था। पिछले साल, लगभग 51.76% मदर हिलसा प्रतिबंध अवधि के दौरान अंडे देने में सक्षम थीं, जिससे उत्पादन और भारत को हिलसा निर्यात में बढ़ावा मिला। बांग्लादेश ने इस दुर्गा पूजा के अवसर पर कई खेपों में बरीसाल से भारत को 60 टन हिलसा मछली का निर्यात किया था।

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