ईरान ने पहले पाकिस्तान पर हवाई हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान पर एयर स्ट्राइक किया। इसके चलते 11 लोगों की मौत हुई है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। स्थिति ऐसी है कि कभी भी जंग शुरू हो सकती है। ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान पर ड्रोन और मिसाइलों से हवाई हमला किया। ईरान ने बताया कि उसने सुन्नी आतंकी संगठन जैश अल-अद्ल के हेडक्वार्टर पर अटैक किया है। वहीं, पाकिस्तान ने कहा कि ईरानी हमले में दो बच्चों की मौत हुई और तीन बच्चे घायल हो गए।
इसके एक दिन बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स ने ईरान में कई जगह बमबारी की, जिससे 11 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। इस हमले के बाद दोनों देश युद्ध के कगार पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान पर हमले के अलावा ईरान ने पड़ोसी इराक और सीरिया पर भी मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे। अमेरिका ने इसकी आलोचना की। वहीं, अमेरिका ने भी यमन में हौथी ठिकानों पर हमले किए।
इजरायल-हमास जंग के चलते मध्यपूर्व में पहले से स्थिति गंभीर है। ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से भारत-चीन समेत आसपास के कई देशों की चिंता बढ़ गई है। चीन और भारत ने ईरान द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों पर बयान जारी किए हैं। चीन ने दोनों पक्षों से "संयम" बरतने का आह्वान किया है। भारत ने "ईरान और पाकिस्तान के बीच के मामले" से खुद को दूर रखते हुए कहा कि वह "आत्मरक्षा में देशों द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है"।
ईरान और पाकिस्तान ने क्या कहा?
ईरान पर हवाई हमले के बाद गुरुवार सुबह पाकिस्तान ने कहा, “ईरान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए सटीक हमला किया गया है। मार्ग बार समाचार कोड नेम वाले इस ऑपरेशन में कई आतंकियों को मार डाला गया है।”
इस्लामाबाद ने कहा कि उसने पहले "ईरान के अंदर गैर-शासित स्थानों में पाक मूल के आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों के बारे में अपनी गंभीर चिंताओं को लगातार साझा किया था"। इसके बाद भी ईरान ने कार्रवाई नहीं की। ये (आतंकवादी) निर्दोष पाकिस्तानियों का खून बहा रहे थे।
ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहिया ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच से कहा कि उनके देश ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूह के ठिकाने पर हमला किया। पाकिस्तान के नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया था।
अमेरिका, चीन और भारत ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग ने 48 घंटों में तीन देशों की संप्रभु सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए ईरान की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ईरान इस क्षेत्र में आतंकवाद का प्रमुख वित्तपोषक है। दूसरी तरफ वह दावा कर रहा है कि उसे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।
चीन के संबंध ईरान और पाकिस्तान दोनों से अच्छे हैं। उसने अधिक तटस्थ रुख अपनाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "हम दोनों पक्षों से तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और संयुक्त रूप से क्षेत्र को शांतिपूर्ण बनाए रखने का आह्वान करते हैं।"
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भारत ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के अपने स्टैंड को दोहराया है। भारत ने कहा कि हम "देशों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में की जाने वाली कार्रवाइयों" को समझते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है। जहां तक भारत का सवाल है, हम आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम समझते हैं कि देश अपनी आत्मरक्षा में क्या कार्रवाई करते हैं।"
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