
Anti America protest in Iran: ईरान में सोमवार को 1979 की इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ मनाई गई। इस्लामी क्रांति में अमेरिकी समर्थित सरकार का तख्ता पलट किया गया था। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। उग्र प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी और इजरायली झंड़े का जलाने के साथ डेथ टू अमेरिका और डेथ टू इजरायल के खूब नारे लगे। ईरानी शासन ने अमेरिका के सामने नहीं झुकने की और बेंजामिन नेतन्याहू को सलाखों के पीछे लाने की कसमें खायी। ईरान रेवोल्युशन डे पर राष्ट्रपति ने अमेरिका और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप ईरान को घुटनों पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
ईरान के कई शहरों में इस मौके पर विशाल प्रदर्शन हुए। राजधानी तेहरान में हजारों लोग आज़ादी टॉवर की ओर बढ़े, जहां ईरानी झंडे लहराए गए और अमेरिका व इजरायल विरोधी नारे (Death to America and Death to Israel) लगाए गए। दक्षिण के शिराज, बंदर अब्बास, पश्चिम के करमनशाह, उत्तर के रश्त और पवित्र शहर मशहद में भी हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के पोस्टर और तेहरान समर्थित हिज़्बुल्लाह के झंडे लहराए।
ईरानी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा: ट्रंप कहते हैं कि वे बातचीत करना चाहते हैं लेकिन उसी समय वे हमारी क्रांति को कमजोर करने की साजिशों पर हस्ताक्षर करते हैं। ईरान कभी किसी बाहरी ताकत के आगे नहीं झुकेगा।
डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका-ईरान तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने हाल ही में ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं और 2015 के परमाणु समझौते को तोड़ने का समर्थन किया है।
प्रदर्शन में शामिल 52 वर्षीय शिक्षिका परवानेह समखानी ने कहा: संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत करना व्यर्थ है क्योंकि वे हमेशा झूठ बोलते हैं। 24 वर्षीय दुकानदार मेहदी सजादफर ने कहा: ट्रंप के वापस आने के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है। अमेरिका की हर बात झूठ पर आधारित है। प्रदर्शन के दौरान ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कैरिकेचर भी जलाए गए।
हर साल 31 जनवरी को ईरान में इस्लामी क्रांति की शुरुआत का जश्न मनाया जाता है। यह वही दिन है जब 1979 में अयातुल्ला रूहुल्लाह खोमैनी निर्वासन से तेहरान लौटे थे। इस बार ट्रंप के प्रतिबंधों की घोषणा के बाद ईरानी अधिकारियों ने नागरिकों से बड़े स्तर पर इन समारोहों में भाग लेने का आग्रह किया था।
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अगर ईरान ने उनकी हत्या की योजना बनाई तो वह ईरान को मिटा देंगे। इस बयान के बाद तेहरान में गुस्सा और भड़क गया है। ईरान सरकार का कहना है कि अमेरिका उनके देश को विभाजित करना चाहता है लेकिन जनता एकजुट होकर इस साजिश को नाकाम करेगी।
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