
Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई चल रही है। इजरायल ईरान के परमाणु, सैन्य और सामरिक ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है। ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से अटैक कर जवाब दे रहा है। इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें हवा में रोक रहे हैं, लेकिन तब भी कुछ मिसाइल आबादी वाले इलाकों पर गिरे हैं। दूसरी ओर ईरान का एयर डिफेंस इजरायली हमलों को उतनी सफलता से नहीं रोक पाया है।
इजराइल के पास दुनिया की सबसे अच्छी एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह कई लेयर वाली एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता है। सबसे अधिक चर्चा आयरन डोम की होती है, यह कम दूरी तक मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे करीब से दागे जाने वाले रॉकेट रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। जब बात बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की हो तो इजरायल के पास दूसरे खास एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं।
आयरन डोम कम से मध्यम दूरी तक मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है। इसकी खासियत है कि यह छोटे आकार के रॉकेट को भी हवा में नष्ट कर देता है। यह ड्रोन जैसे छोटे हवाई टारगेट को भी पहचान लेता है और उसे आसानी से खत्म कर देता है।
आयरन डोम को इजरायल ने पूरे देश में रणनीतिक स्थानों की सुरक्षा के लिए तैनात कर रखा है। इजरायल का दावा है कि इसकी सफलता का दर 90 फीसदी से अधिक है। इसे खतरे को पहचानने और नष्ट करने में चंद सेकंड ही लगते हैं।
इजरायल ने इसे अमेरिका के समर्थन से विकसित किया है। अमेरिका ने 2011 से 2021 के बीच इस सिस्टम को बनाने के लिए 1.6 बिलियन डॉलर (13779 करोड़ रुपए) का योगदान दिया। अमेरिकी कांग्रेस ने 2022 में 1 बिलियन डॉलर (8612 करोड़ रुपए) मदद की मंजूरी दी।
आयरन डोम सिस्टम की एक कमजोरी यह है कि इसका एक यूनिट 100-150 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र की सुरक्षा नहीं कर सकता। इसके चलते बड़े देशों के लिए इसका असर सीमित है। इजराइल को भी हमले के संभावित जोखिम के हिसाब से आयरन डोम की बैटरियों को इधर-उधर ले जाना पड़ता है।
इजरायल के पास लंबी दूरी तक मार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल से बचाव के लिए एरो 3 एयर डिफेंस सिस्टम है। यह एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम हमला करने आ रहे मिसाइल को धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले ही खत्म कर देता है। इसे इजरायल और अमेरिका ने मिलकर विकसित किया है। परमाणु मिसाइल को वायुमंडल में प्रवेश से पहले ही रोकना बेहतर होता है। एरो 3 का रेंज 2400 किलोमीटर है।
बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को हवा में खत्म करने के लिए ईरान के पास एरो 2 या डेविड स्लिंग वेपन सिस्टम है। इसका रेंज 40 से 300 km है। इससे लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया जा सकता है। इसका मिसाइल मैक 7.5 (8,945km/h) तक की रफ्तार तक पहुंच जाता है।
अमेरिका ने इजरायल को अपनी रक्षा करने के लिए पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम दिया है। यह अमेरिकी हथियार है। US ने मध्यपूर्व में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखे हैं। इससे वह ईरान द्वारा किए जाने वाले हमलों को रोककर इजरायल की मदद करता है। पैट्रियट्स का इस्तेमाल ड्रोन, लड़ाकू विमान से लेकर मिसाइल तक को मार गिराने में होता है। इसके मिसाइल का रेंज 70km है।
ईरान और इजरायल के बीच की दूरी 1000 किलोमीटर से अधिक है। इजरायल पर हमला करने के लिए ईरान को अपने लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइलों और ड्रोनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। पर्याप्त दूरी होने के चलते इजरायल को पता चल जाता है कि मिसाइल और ड्रोन आ रहे हैं। इस क्षेत्र में अमेरिका की भारी सैन्य मौजूदगी है। इजरायल को अमेरिका से हमलावर मिसाइल और ड्रोन को ट्रैक और नष्ट करने में मदद मिलती है।
ईरान के पास ऐसे क्रूज मिसाइल नहीं हैं जो बेहद निगरानी वाले हवाई क्षेत्र से चुपके से गुजरते हुए हमला कर सकें। उसके पास अत्याधुनिक लड़ाकू विमान भी नहीं हैं जो रडार की नजर से बचकर हवाई हमला कर सके।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।