
दमिश्क(Damascus).सीरिया में इस्लामिक स्टेट(IS) और कुर्द सेना के बीच लंबे समय से जारी खूनी संघर्ष में महिलाएं और बच्चे बुरी तरह पिस रहे हैं। इस गृहयुद्ध के चलते 45000 से अधिक लोगों को अपना घर-बार छोड़कर जाना पड़ा है। वहीं, यूनिसेफ का कहना है कि यहां की जेलों में 850 से अधिक बच्चे बेवजह कैद हैं। ये वो बच्चे हैं, जो IS की तरफ से लड़ रहे थे। बता दें कि हालिया खूनी संघर्ष की शुरुआत 20 जनवरी से तब हुई, जब ISIS के 100 से अधिक लड़ाकों ने अपने साथी आतंकवादियों को छुड़ाने हल-हसाका शहर की ग्वेरान जेल पर हमला किया था। आतंकियों के करीब 3 साल पहले क्षेत्र में अपने अंतिम गढ़ को गंवाने के बाद यह सबसे बड़ा हमला था। हाल के कुछ महीने में IS का स्लीपर सेल इराक और सीरिया में एक्टिव हो गया है। जेल पर हुए हमले में मरने वालों में एक लेफ्टिनेंट सहित 10 सैनिक भी शामिल हैं। इस समय अमेरिका समर्थित कुर्द लड़ाकों के साथ IS की लड़ाई छिड़ी हुई है। जेल पर हुए हमले में 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हफ्तेभर पहले भी IS ने अल-सिना जेल पर हमला कर 3500 कैदियों को भगाने की कोशिश की थी। ये जेल ग्वेरान क्षेत्र की सबसे बड़ी जेलों में से एक मानी जाती है।
850 से अधिक बच्चे जेल में कैद
IS को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन माना जाता है। यह सीरिया के अलावा दूसरे अन्य देशों में भी आतंक फैलाता रहता है। इसकी दहशत के चलते सीरिया से हाल में 45,000 से अधिक लोगों को अपना घर-बार छोड़कर शरणार्थी कैम्पों में जान पड़ा है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की जेलों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी बेवजह कैद हैं। IS सीरिया के बच्चों को जबर्दस्ती लड़ाका बना रहा है। जेल में बंद बच्चे दुनिया के अलग-अलग देशों से हैं। माना जा रहा है कि ये बच्चे पिछले 2 साल से जेलों में बंद हैं। अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के बावजूद इनकी सरकारें इन्हें मुक्त कराने में विफल रही हैं। कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) का मानना है कि जेल में 700 बच्चे रहते हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ यह संख्या 850 बताती है। ब्रिटेन स्थित चैरिटी सेव द चिल्ड्रन से जुड़ीं सीरिया प्रतिक्रिया निदेशक सोनिया खुश के मुताबिक ये सभी बच्चे नाबालिग हैं। इनकी देखरेख SDF कर रहा है।
बच्चों को इस्तेमाल कर रहा IS
मानवाधिकार निगरानी समूहों की पड़ताल से पता चलता है कि ये वो बच्चे हैं, जिन्हें IS ने जबरन लड़ाका बनाया था। इनमें से कई घायल हुए। कई मारे गए। इनमें से कइयों के माता-पिता भी IS से जुड़े रहे। IS जेल पर हमला करके इन बच्चों को छुड़ाना चाहता है, ताकि वो इनका इस्तेमाल कर सके। IS दुनियाभर के सामने महिलाओं और बच्चों के प्रति सहानुभूति रखने की बात करता है, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि IS इन बच्चों को फिर से युद्ध में झोंकना चाहता है।
बर्बाद हो गया सीरिया
अरब क्रांति के बाद मार्च, 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में भी लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुए थे। इसके बाद तानाशाह बशर अल असाद ने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। 2012 में सीरिया में गृहयुद्ध चरम पर पहुंच गया। अब यह देश बर्बाद हो चुका है। सीरिया को रूस और अमेरिका की प्रतिस्पर्धा ने बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। सीरिया में दोनों देश अपनी-अपनी ताकत दिखाते रहते हैं।
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