ईरान समर्थित हिजबुल्लाह इजरायल से लड़ रहा है। इसके पास 500km तक मार करने वाले मिसाइल हैं, जिनसे इजरायल में कहीं भी अटैक किया जा सकता है। जानें हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमता कितनी है।
वर्ल्ड डेस्क। हिजबुल्लाह (Hezbollah) को दुनिया का सबसे भारी हथियारों से लैस गैर-स्टेट समूह माना जाता है। ईरान समर्थित इस संगठन का लेबनान के बड़े इलाके पर कब्जा है। इजरायल-गाजा संघर्ष (Israel Gaza War) शुरू होने के बाद यह फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल से लड़ रहा है।
हिजबुल्लाह पूरे इजरायल पर हमला करने में सक्षम है। इसके पास 500 किलोमीटर तक हमला करने वाली मिसाइलें हैं। इजरायल के पास इसकी तुलना में बहुत बेहतर सैन्य शक्ति है। हिजबुल्लाह के मिसाइल को इजरायल में नुकसान पहुंचाने के लिए आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम को पार करना होता है। दूसरी ओर इजरायल बिना किसी रोक के हिजबुल्लाह पर हमला करता है।
हिजबुल्लाह के रॉकेट व मिसाइल और उनकी क्षमता
हिजबुल्लाह के पास हैं ये ड्रोन
हिजबुल्लाह के पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम
हिजबुल्लाह के सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल
ईरान समर्थित लड़ाकू समूहों से घिरा हुआ है इजराइल
इजराइल ईरान समर्थित लड़ाकू समूहों से घिरा हुआ है। ये गाजा, यमन, सीरिया और इराक में फैले हुए हैं। ईरान हिजबुल्लाह को हथियार और ट्रेनिंग देता है। हिजबुल्लाह का उदय 1982 में बेरूत पर इजरायल के हमले के बाद हुआ। 2000 में इसके गुरिल्ला लड़ाकों ने इजरायली सेना को दक्षिण लेबनान से हटने के लिए मजबूर किया।
2010 के दशक में सीरिया के विद्रोह से गृहयुद्ध में बदलने पर इसने राष्ट्रपति बशर अल-असद की ओर से लड़ाई लड़ी। लगभग एक दशक तक चले इस जंग में लड़ते हुए हिज्बुल्लाह शहरी लड़ाई में एक्सपर्ट हो गया। इसने सीरिया में लड़ रहे अन्य ईरान समर्थित समूहों के साथ अपने गठबंधन को मजबूत किया। इसके पास 1.2 से 2 लाख तक रॉकेट और मिसाइल हैं। हिज्बुल्लाह के पास ईरान से मिले ड्रोन हैं। इसका इस्तेमाल यह निगरानी और हमला दोनों में करता है। सैन्य विश्लेषकों का अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास 30,000-50,000 लड़ाके हैं। इस साल की शुरुआत में उनके नेता हसन नसरल्लाह ने दावा किया था कि उनके समूह में 100,000 से अधिक लड़ाके हैं।
अक्टूबर 2023 से इजराइल के साथ हिज्बुल्लाह का टकराव चल रहा है। इसके चलते समूह के कमांडरों सहित 400 से ज्यादा लड़ाकों की मौत हुई है। इजराइली हमलों में लगभग 150 नागरिक मारे गए हैं। इजराइल पर भी इसका असर हुआ है। इसके उत्तरी सीमा क्षेत्र से 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। सैनिकों और नागरिकों सहित कई लोग मारे गए हैं।
मध्य पूर्व में ईरान समर्थित समूह
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