इजराइल-फिलिस्तीन के बीच चल रही जंग की वजह से कई अरब देश जैसे- मिस्र, सीरिया, सऊदी अरब और अन्य अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ये सभी देश फिलिस्तीन के समर्थन में हैं। अमेरिका पहलेसे ही इजराइल को हथियारों की मदद देता आ रहा है।
Israel Hamas War : 7 अक्टूबर से शुरू हुआ इजराइल-हमास युद्ध का अंत नहीं दिखाई दे रहा है। इजराइल पर आतंकी संगठन हमास के हमले का इजराइल चुन-चुनकर कर बदला ले रहा है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने कसम खाई है कि इस बार वह हमास के एक-एक आतंकी को मारकर ही सांस लेगा। अब तक दोनों ओर से 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिस तरह के हालात चल रहे हैं, उसे देखकर दुनिया के विशेषज्ञों को तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) का डर सताने लगा है। उनका मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो भारत को बहुत बड़ा घाटा लग सकता है।
क्या इजराइल-हमास की जंग विश्व युद्ध में बदल जाएगी
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ी तो भारत के इजराइल और फिलिस्तीन के संबंधों पर असर पड़ सकता है। अभी तक भारत अपने रणनीतिक संबंधों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जिस तरह से दुनिया के अलग-अलग देश इस जंग पर दो हिस्सों में बंटे हैं, उससे ये जंग विश्व युद्ध में बदलने के लिए काफी हो सकता है। एक तरफ ईरान और लेबनान के आतंकी ग्रुप फिलिस्तीन और हमास के साथ इजराइल के खिलाफ युद्ध में मदद कर रहे हैं। ऐसे में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी अमेरिका और यूके जैसे बड़े देशों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इजराइल-हमास जंग भयानक हुआ तो क्या होगा
इजराइल-फिलिस्तीन के बीच चल रही जंग की वजह से कई अरब देश जैसे- मिस्र, सीरिया, सऊदी अरब और अन्य अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ये सभी देश फिलिस्तीन के समर्थन में हैं। अमेरिका पहलेसे ही इजराइल को हथियारों की मदद देता आ रहा है। अरब देश इजराइल के खिलाफ एकजुट हुए तो कई बड़े देश इजराइल के समर्थन में आ सकते हैं। इधर, इजराइल का सदियों से दोस्त रहा भारत भी अपनी सुरक्षा और सेना को लेकर ठोस कदम उठा सकती है।
युद्ध भयंकर हुआ तो भारत पर कितना असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल और लेबनान बॉर्डर UNIFIL लाइन पर पहले से ही 900 भारतीय जवान तैनात हैं। अगर यह जंग तीसरे युद्ध की तरफ बढ़ा तो उन पर इसका सीधा असर होगा। तीसरे विश्व युद्ध से भारत की अर्थव्यवस्था को भी तगड़ा झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे इजरायल के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने के लिए हथियार, खाना और मेडिकल सुविधाएं भेजनी होगी। इतना ही नहीं वैश्विक मुद्रास्फीति और कच्चे तेल के दाम काफी बढ़ जाएंगे और भारतीय इकोनॉमी पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसका मतलब साफ है कि तेल की कीमतें आसमान पर होंगी और बेसिक जरूरतों की चीजें काफी महंगी हो सकती हैं। ऐसे में भारत में महंगाई आ सकती है।
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