वॉर जोन में कैसे होता है रेस्क्यू, जानें कैसे इजराइल जैसे संकट से भारत निकाल लेता है अपने लोग

इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग से अपने नागरियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत इजरायल में एक ऑपरेशन चला रहा है, जिसका नाम 'अजय' रखा गया है। इस ऑपरेशन की पहली फ्लाइट 212 भारतीयों को लेकर वापस आ चुकी है।

Israel-Hamas War : इजरायल और हमास के बीच लगातार युद्ध के हालात बने हुए हैं। गाजा पट्टी में इजराइल लगातार अटैक कर रहा है। हर तरफ बम, गोलियों की आवाज सुनाई दे रही हैं। अब तक बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। हर तरफ शव बिखरे पड़े हैं और इमारतों के मलबे ही मलबे दिखाई दे रहे हैं। इस वॉर जोन से अपने नागरियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय (Operation Ajay) की शुरुआत की है। इसके तहत इजराइल से भारतीयों को लाया जा रहा है। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं आखिर वॉर जोन से कैसे लोगों को बाहर निकाला जाता है?

ऑपरेशन अजय क्या है

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इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग से अपने नागरियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत इजरायल में एक ऑपरेशन चला रहा है, जिसका नाम 'अजय' रखा गया है। इस ऑपरेशन की पहली फ्लाइट 212 भारतीयों को लेकर वापस आ चुकी है। इसके बाद बाकी लोगों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश जारी है।

वॉर जोन से कैसे निकाले जाते हैं भारतीय

अब सवाल आखिर वॉर जोन मतलब किसी युद्ध के हालात से अपने नागरिकों को तमाम देश कैसे बाहर निकाल लेते हैं? यह तभी संभव हो पाता है, जब उस देश की सरकार पूरी मदद करती है, जहां युद्ध के हालात बने हुए हैं। मानवता के आधार पर सरकारें विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए खास ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर तैयार करती हैं। जहां लोगों को सुरक्षा दी जाती है और उन्हें सुरक्षित एयरपोर्ट तक पहुंचाया जाता है। जहां पहले से ही उनके देश का प्लेन मौजूद होता है। इसमें बैठकर वे अपने देश वापस लौट आते हैं। ये पूरा काम वहां मौजूद एंबेसी की देखरेख में होता है। नागरिकों को वॉर जोन से बाहर निकालने के लिए इस बात का ख्याल भी रखा जाता है कि उस वक्त कोई बड़ा हमला न हो रहा हो। इसका मतलब यह हुआ कि युद्ध के हालात में विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके देश लौटने का अधिकार भी मिलता है।

भारत अपने लोगों को कैसे बचाता है

इजराइल से पहले भारत ने यूक्रेन से भी अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला था। इससे पहले भी कई बड़े ऑपरेशन में भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी हो चुकी है। इस तरह के युद्ध के बीच से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिे भारत तमाम तरह की तैयारियां करता है। सबसे पहले एंबेसी कुछ नंबर जारी करता है, जिन पर वहां लोग संपर्क कर अपनी लोकेशन की जानकारी दे सकते हैं. उनसे रजिस्ट्रेशन के लिए भी कहा जाता है। एक कंट्रोल रूम बनाया जाता है, जो 24 घंटे मदद के लिए खुला रहता है। इस पूरे मामले पर विदेश मंत्रालय की खास नजर होती है। उसी की अगुआई में नागरियों को सुरक्षित वापस लाया जाता है।

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