ईरान का हमला एक झटके में हुए बेअसर, जानें इजरायल के कौन से एयर डिफेंस सिस्टम ने किया कमाल?

ईरान ने बीते दिनों शनिवार (13 अप्रैल) को इजरायल पर लगभग 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल की मदद से हमला किया। इस अटैक के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया।

sourav kumar | Published : Apr 15, 2024 2:46 AM IST

ईरान का इजरायल पर हमला। ईरान ने बीते दिनों शनिवार (13 अप्रैल) को इजरायल पर लगभग  300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल की मदद से हमला किया। इस अटैक के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया। हालांकि, इस हमले ने इजरायल को नुकसान पहुंचाने में कामयाब नहीं हो सका। इसके लिए यहूदियों के शानदार एयर डिफेंस सिस्टम ने बखूबी साथ दिया। उनकी वजह से इस्लामिक देश के तरफ से दागे गए मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही बर्बाद कर दिया। अमेरिका स्थित प्रकाशन पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल पर तेहरान के हवाई हमले में बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की अच्छी तादाद थी। हालांकि, इजरायली एयर सिस्टम ने सफलतापूर्वक हमले के प्रभाव को सीमित कर दिया।

यहूदियों के पास एंटी-बैलिस्टिक एरो सिस्टम और आयरन डोम सिस्टम है। इसके अलावा उन्हें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस तरह से एडवांस्ड सिस्टम को स्थापित करने में काफी मदद पहुंचाई है। ईरान का कहना है कि उनके हमले ने दुश्मन देश को काफी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, उनका हमला उतना कारगर साबित नहीं हुआ, जैसा दावा किया जा रहा था। इस हमले में देश के दक्षिण में स्थित नेवातिम एयर बेस को थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचा। वहीं एक 7 साल की लड़की  मिसाइल के टुकड़ों से घायल हो गई। इजरायल ने कहा कि तेहरान ने ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस के जरिए देश पर 185 ड्रोन, 110 सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और 36 क्रूज मिसाइल दागीं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरानी हमले की निंदा की

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरानी हमले की निंदा की। इसके अलावा US ने इजरायल और अपने लोगों की सुरक्षा करने के लिए दो वॉरशिप भेजी थी। इसके अलावा ब्रिटेन और फ्रांस ने भी मदद की। एक अमेरिकी अधिकारी ने CNN को बताया कि अमेरिकी युद्धपोतों ने पूर्वी भूमध्य सागर में कम से कम तीन बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया। अमेरिकी बलों ने कथित तौर पर 70 हमलावर ड्रोनों को भी रोका।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इजरायल द्वारा सीरिया की राजधानी में ईरानी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाए जाने के बाद वाशिंगटन को हमले की आशंका थी और पिछले हफ्ते युद्धपोतों को तैनात किया गया था, जिसमें USS आइजनहावर विमान वाहक शामिल थे।

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