Israel Iran war: US Airstrikes के बाद ईरान के साथ कौन-कौन देश? ईरान को न्यूक्लियर वारहेड्स से करेंगे मदद?

Published : Jun 22, 2025, 06:36 PM ISTUpdated : Jun 22, 2025, 06:46 PM IST
Vladimir Putin Donald Trump

सार

Iran Russia US Conflict 2025: अमेरिका के ईरान पर हवाई हमलों के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची पुतिन से मिलने मॉस्को रवाना। रूस ने ट्रंप पर मिडल ईस्ट में नया युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया। ईरान बोला- अमेरिका ने कूटनीति तोड़ी।

Iran Russia US Conflict: अमेरिका (United States) द्वारा ईरान (Iran) के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर सटीक हवाई हमलों के एक दिन बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची (Abbas Araghchi) ने ऐलान किया है। वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से सोमवार सुबह मॉस्को में आगे की कार्रवाई के संबंध में बात करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह कि अमेरिकी हमले के बाद दुनिया के देश कई हिस्सों में बंटते नजर आ रहे हैं। रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने खुलासा किया है कि ईरान को कई देश अपना न्यूक्लियर वारहेड देने को तैयार हैं। इस दावे ने थर्ड वर्ल्ड वार की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

OIC सम्मेलन के दौरान इस्तांबुल में प्रेस वार्ता में अराकची ने कहा कि रूस ईरान का मित्र है, हम हमेशा एक-दूसरे से परामर्श करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मुलाकात अमेरिका की आक्रामकता के जवाब में रणनीतिक कूटनीति का हिस्सा है।

'रेड लाइन' पार कर गया अमेरिका: अराकची

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा शनिवार रात दिए गए हमलों को अराकची ने अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला कर बहुत बड़ी रेड लाइन पार की है। अब हमें आत्मरक्षा का अधिकार है और हम UN Charter के आर्टिकल 51 के तहत जवाब देंगे।

मेदवेदेव का तीखा हमला: ट्रंप ने अमेरिका को युद्ध में झोंका, ईरान के साथ कई

मॉस्को में रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव (Dmitry Medvedev) ने ट्रंप की नीतियों पर तीखा हमला बोला। अपने टेलीग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा कि जो ट्रंप राष्ट्रपति शांति का दूत बनकर आए थे, उन्होंने अमेरिका को एक और युद्ध में धकेल दिया है।

मेदवेदेव ने दावा किया कि अमेरिका का हमला सैन्य दृष्टि से व्यर्थ रहा और ईरान की न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर को कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान का राजनीतिक नेतृत्व अब और मजबूत हो गया है। यहां तक कि वे लोग भी अब साथ हैं जो पहले विरोधी थे। सबसे चौंकाने वाला बयान मेदवेदेव का यह रहा कि कुछ देश ईरान को सीधे न्यूक्लियर हथियार देने को तैयार हैं, हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।

ईरान: कूटनीति को अमेरिका ने तोड़ा, हम नहीं

अराकची ने साफ किया कि ईरान बातचीत के लिए तैयार था लेकिन अमेरिका ने रास्ता रोका। उन्होंने कहा कि हम जिनेवा में यूरोपीय प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। हम अमेरिका से भी कूटनीति के रास्ते पर थे लेकिन इज़राइल और अमेरिका ने फिर से उस पुल को तोड़ दिया। उन्होंने ट्रंप प्रशासन को पूरी तरह 'अविश्वसनीय' करार दिया और कहा कि ये लोग सिर्फ धमकी और हिंसा की भाषा समझते हैं, कूटनीति की नहीं।

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