
Iran-Israel War 8th Day Updates: ईरान-इजराइल के बीच पिछले 8 दिनों से युद्ध जारी है। 13 जून से शुरू हुई ये लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। 20 जून की शाम को ईरान ने इजराइल के हाइफा, तेल अवीव और बीर्शेबा समेत कई शहरों में बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं। इस हमले में 23 लोग जख्मी हुए हैं। इससे पहले ईरान इजराइल के अस्पतालों, बड़ी इमारतों, सरकारी दफ्तरों को निशाना बना चुका है। वहीं, इजराइल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को तबाह किया है। बता दें कि ईरान से 8 दिनों की जंग में इजराइल करीब 50,000 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।
इजराइल के पूर्व रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल रीम एमीनाक के मुताबिक, ईरान के खिलाफ जंग में हम हर दिन 725 मिलियन डॉलर (करीब 6200 करोड़) खर्च कर रहे हैं। यानी ईरान से युद्ध लड़ना इजराइल को भारी पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआती दो दिन में ही इजराइल के 12500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इतना ही नहीं, ईरान से युद्ध शुरू होने के बाद अब इजराइल के बजट घाटे में इजाफा होना तय है।
बता दें कि पिछले 20 महीने से इजराइल गाजा में हमास के खिलाफ लड़ रहा है, जिसमें उसे आर्थिक तौर पर काफी नुकसान पहुंचा है। इसके चलते इजराइल की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया है।
पिछले दो साल में इजराइल का रक्षा बजट दोगुने से ज्यादा हो चुका है।2023 में इजराइल का डिफेंस बजट 15 अरब डॉलर था, जो 2025 में बढ़कर 31 अरब डॉलर पहुंच गया है। ये देश की कुल जीडीपी का करीब 7 प्रतिशत है।
ईरान-इजराइल जंग का असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी दिखना लगा है। कच्चे तेल का भाव 5% बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। वहीं, ब्रेंट क्रूड 76.59 डॉलर प्रति बैरल पर है। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने का असर भारत पर भी पड़ सकता है, जिसके चलते पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ सकते हैं। भारत अपनी कुल जरूरत का करीब 85% तेल बाहर से आयात करता है। इसमें ईरान और खाड़ी देशों से भी बड़ी मात्रा में तेल आपूर्ति होती है।
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