पुतिन-जिनपिंग की मुलाकात: गर्मजोशी से मिले दोनों नेता, 4 घंटे से ज्यादा चली मीटिंग, कार तक छोड़ने गए रूसी राष्ट्रपति

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मॉस्को पहुंचकर रूसी प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है। पुतिन ने राष्ट्रपति भवन जिसे रूस में क्रेमलिन कहा जाता है, वहीं चीनी प्रेसीडेंट का स्वागत किया।

 

Manoj Kumar | Published : Mar 21, 2023 2:15 AM IST

Jinping-Putin Meeting. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मॉस्को पहुंचकर रूसी प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है। पुतिन ने राष्ट्रपति भवन जिसे रूस में क्रेमलिन कहा जाता है, वहीं चीनी प्रेसीडेंट का स्वागत किया। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई और पुतिन ने जिनपिंग को कहा- वेलकम डियर फ्रेंड। मैंने युद्ध खत्म करने के आपके प्लान को समझा है और हम दोनों इस बारे में जल्द चर्चा करेंगे।

साढ़े चार घंटे चली मीटिंग

न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रूसी प्रेसीडेंज पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच यह मीटिंग करीब साढ़े चार घंटे तक चली। इस मीटिंग में जिनपिंग ने रूस को विश्वसनीय साथी बताया है। दोनों नेताओं ने बातचीत के बीच साथ ही डिनर भी किया। पुतिन और जिनपिंग के बीत काफी गहरी दोस्ती है। मीटिंग के दौरान यह दोस्ती दिखाई भी दी क्योंकि राष्ट्रपित पुतिन खुद जिनपिंग को उनकी कार तक छोड़ने के लिए गए। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली मीटिंग

जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी है, तब से चीनी प्रेसीडेंट की यह पहली मॉस्को यात्रा है। वे 20 मार्च को दो दिवसीय मॉस्को यात्रा पर पहुंचे हैं, जहां 21 को देर शाम दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक वार्ता की जाएगी। रूस पहुंचे जिनपिंग ने कहा कि हमारी यात्रा का मकसद इस युद्ध को समाप्त कराना है। इसका एक ऐसा हल निकलना चाहिए जो दोनो पक्षों को मंजूर हो। चीनी प्रेसीडेंट ने कहा कि वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि जिनपिंग चाहते हैं कि दोनों नेताओं के बीच कम से कम सीजफायर पर सहमति बन जाए।

द्विपक्षीय सहयोग और साझेदारी

रूस के अधिकारियों की मानें तो दोनों नेता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे और रूसी-चीनी सहयोग को लेकर द्विपक्षीय डाक्यूमेंट पर साइन भी करेंगे। करीब तीन महीने पहले दोनों के बीच वीडियो कॉल पर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।

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