26 जनवरी(भारतीय गणतंत्र दिवस) के दिन दुनिया के कई देशों में खालिस्तान समर्थकों द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनादर का मामले को लेकर भारत ने नाराजगी दिखाई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इन देशों से खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग उठाई है।
नई दिल्ली.26 जनवरी(भारतीय गणतंत्र दिवस) के दिन दुनिया के कई देशों में खालिस्तान समर्थकों द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनादर का मामले को लेकर भारत ने नाराजगी दिखाई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इन देशों से खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग उठाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस के जरिये कहा कि ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कट्टरपंथी तत्वों ने विदेशों में राजनयिक परिसरों में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। यही नहीं, वाशिंगटन डीसी में गांधी प्रतिमा का अनादर किया। बागची ने कहा कि उन्होंने संबंधित मेजबान सरकारों के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है।
भारत के संविधान की प्रति जलाई थी
26 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने कई देशों में रैली निकाल कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर कट्टरपंथियों ने भारत के संविधान और ध्वज की एक प्रति भी जलाई थी। वहीं, अमेरिका के वॉशिंगटन में महात्मा गांधी की मूर्ति पर अपना झंडा लगा दिया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका और लंदन के अलावा कनाडा और इटली के मिलान में ये प्रदर्शन हुए थे। खालिस्तानियों की इन हरकतों पर भारत लगातार नजर बनाए हुए है। खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी को धमकी भरे कॉल किए थे। सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सुप्रीम कोर्ट में खालिस्तानी झंडा फहराने तक की धमकी दी थी। इससे पहले दिसंबर, 2020 में कृषि कानूनों के विरोध में भी खालिस्तानी समर्थकों ने अमेरिका में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा का अपमान किया था। ग्रेटर वॉशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और वर्जीनिया के अलावा न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहायो और नॉर्थ कैरोलाइना से आए खालिस्तान समर्थकों ने भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
SC के वकीलों को खलिस्तान समर्थकों से धमकी
हाल में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को खालिस्तान समर्थकों से जान से मारने की धमकी दी थी। उच्चतम न्यायालय के दर्जन भर से अधिक वकीलों ने धमकी भरे कॉल आने की शिकायत दर्ज कराई थी। वकीलों का दावा है कि ये कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए थे। सारे कॉल ऑटोमेटेड थे। कॉल के जरिए कहा गया है कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करें।
पीएम की सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी भी ली थी
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस संगठन ने 5 जनवरी को पंजाब में हुए पीएम मोदी के सुरक्षा में चूक की भी जिम्मेदारी ली थी। धमकी वाले कॉल में कहा गया था कि पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में भाग न लें। इनकी दलील है कि 1984 सिख दंगों और नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को सजा नहीं मिली है। इसलिए इस मामले की सुनवाई भी नहीं होनी चाहिए।
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