सार
कॉल के जरिए कहा गया है कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को खालिस्तान समर्थकों से जान से मारने की धमकी मिली है। उच्चतम न्यायालय के दर्जन भर से अधिक वकीलों ने धमकी भरे कॉल आने की शिकायत दर्ज कराई है। वकीलों का दावा है कि ये कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए हैं। सारे कॉल ऑटोमेटेड हैं। कॉल के जरिए कहा गया है कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे।
धमकी वाला क्लिप
वकीलों ने दावा किया है कि उनको धमकी भरी क्लिप मिली है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन भी उन अधिवक्ताओं में शामिल हैं जिनको धमकी भरे ये कॉल आए हैं। इन कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जा रही है।
सिख फॉर जस्टिस ने ही पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की ली जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस संगठन ने 5 जनवरी को पंजाब में हुए पीएम मोदी के सुरक्षा में चूक की भी जिम्मेदारी ली है।
पीएम की सुरक्षा मामले की सुनवाई में न लें भाग
धमकी वाले कॉल में कहा गया है कि पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में भाग न लें। इनकी दलील है कि 1984 सिख दंगों और नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को सजा नहीं मिली है। इसलिए इस मामले की सुनवाई भी नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार
सोमवार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए केन्द्र और पंजाब सरकार द्वारा गठित अलग-अलग समितियों पर सोमवार को रोक लगा दी। साथ ही कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में वह एक समिति गठित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि पहले ही नतीजे जानकर आपने नोटिस जारी कर दिया। ऐसा करना ही था तो कोर्ट में क्यों आए। बिना डीजीपी या एसएसपी का पक्ष सुने गृह मंत्रालय ने फैसला सुनाते हुए नोटिस जारी क्यों किया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्र जांच की मांग कर रही है, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें:
New Year पर China की गीदड़भभकी, PLA ने ली शपथ-Galvan Valley की एक इंच जमीन नहीं देंगे