इस्लाम, यहूदी और ईसाई तीनों धर्मों के लिए अहम स्थान है यरुशलम; जानिए क्या है इजराइल-फिलिस्तीन विवाद की जड़

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। फिलिस्तीन के इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास ने मंगलवार को इजराइल की राजधानी तेल अवीव, एश्केलोन और होलोन शहर को निशाना बनाते हुए राकेट दागे। इन हमलों में एक भारतीय समेत 3 के मारे जाने की खबर है। वहीं, जवाब में इजरायल की सेना ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी पर मिसाइलें दागीं। रविवार से जारी इन हमलों में 38 लोगों की मौत हो चुकी है। 

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2021 8:26 AM IST / Updated: May 21 2021, 06:04 PM IST

नई दिल्ली. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। फिलिस्तीन के इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास ने मंगलवार को इजराइल की राजधानी तेल अवीव, एश्केलोन और होलोन शहर को निशाना बनाते हुए राकेट दागे। इन हमलों में एक भारतीय समेत 3 के मारे जाने की खबर है। वहीं, जवाब में इजरायल की सेना ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी पर मिसाइलें दागीं। रविवार से जारी इन हमलों में 38 लोगों की मौत हो चुकी है। 

इस हमले में 13 मंजिला हमास की पॉलिटिकल विंग का ऑफिस भी तबाह हो गया। वहीं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन को यह साफ कर दिया, उन्हें इन हमलों की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन सवाल ये है कि आखिर इजराइल और फिलीस्तीन के बीच ये जंग जैसी स्थिति क्यों बनी। इसके पीछे 'यरुशलम' बड़ी वजह है। यरुशलम इस्लाम, यहूदी और ईसाई तीनों धर्मों का अहम स्थान है। आईए समझते हैं कि दोनों देशों के बीच आखिर विवाद क्यों है?


रविवार से जारी इन हमलों में 38 लोगों की मौत हो चुकी है। 

यरुशलम: तीन धर्मों का पवित्र स्थल, फिर क्यों है विवाद की वजह

यरुशलम सबसे पुराना विवादित मुद्दा है। ये शहर इस्लाम, यहूदी और ईसाम धर्मों को मानने वाले लोगों के लिए बेहद अहम है। पैगंबर इब्राहिम को मानने वाले ये तीनों धर्म यरुशलम पर अपना दावा मानते हैं। ये दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। इसे हिब्रू भाषा में येरूशलायीम और अरबी में अल-कुद्स के नाम से भी जानते हैं। इस शहर पर कई बार कब्जा हुआ। इसे ध्वस्त किया गया, फिर से बसाया गया। 

आईए जानते हैं कि कौन सा धर्म क्या दावा करता है?

यहूदियों की वॉल ऑफ दा माउंट
यहूदियों का मानना है कि यहां  पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे इश्हाक की बलि देने की तैयारी की थी। यहीं से विश्व का निर्माण हुआ। यहूदी इलाके में ही कोटेल या पश्चिमी दीवार है। ये वॉल ऑफ दा माउंट का बचा हिस्सा है। इसे यहूदियों का पवित्र मंदिर कहा जाता है। यहां स्थित सिर्फ पश्चिमी दीवार है। यहूदियों का मानना है कि वास्वत में डोम ऑफ द रॉक ही होली ऑफ द होलीज है। पश्चिमी दीवार पर ही यहूदी होली ऑफ द होलीज की अराधना कर सकते हैं। 

क्या है मुस्लिमों का दावा
मुस्लिमों के इलाके में डोम ऑफ द रॉक और मस्जिद अल अक्सा स्थित है। इसे मुस्लिम हरम अल शरीफ या पवित्र स्थान कहते हैं। मस्जिद अल अक्सा इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और इसका प्रबंधन एक इस्लामिक ट्रस्ट करती है जिसे वक्फ कहते हैं। 

मुस्लिमों का दावा है कि पैगंबर मोहम्मद मक्सा से यहां तक की एक रात में यात्रा की थी। इसके बाद पैगंबरों की आत्माओं के साथ चर्चा की थी। इतना ही नहीं मुस्लिमों का विश्वास है कि पैगंबर मोहम्मद ने यहीं से जन्नत की यात्रा की थी। 
 
ईसाइयों का क्या है कहना?
ईसाइयों का मानना है कि यह वही जगह है, जहां ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया और यहीं वे अवतरित हुए। यहां चर्च द चर्च आफ द होली सेपल्कर' है। यह दुनियाभर के ईसाइयों की आस्था का केंद्र है। ईसा मसीह का मकबरा सेपल्कर के भीतर ही है। इसे ही हिल ऑफ द केलवेरी कहा जाता है। 
 
इजराइल और फिलिस्तीन में क्या है विवाद की वजह?
इजराइल और फिलीस्तीन के बीच विवाद 100 साल से पुराना मुद्दा है। यहां पहले विश्वयुद्ध में उस्मानिया सल्तनत को हराने के बाद फिलिस्तीन हिस्से को ब्रिटेन ने अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ब्रिटेन को फिलिस्तीन को यहूदी लोगों के एक राष्ट्रीय घर के तौर पर स्थापित करने का काम सौंपा। ऐसे में फिलिस्तीन में बसे अरब के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू किया। 

1920-40 के बीच में बसे यहूदी
यूरोप के यहूदी इसे सुरक्षित मानकर दूसरे युद्ध के दौरान यहां पहुंचे। इसी बीच अरबों और यहूदियों और ब्रिटिश शासन के बीच हिंसा हुई। 1947 में इस विवाद में यूएन ने दखल दी और यरुशलम को एक अंतरराष्ट्रीय शहर बनाया गया। इसे यहूदियों ने तो स्वीकार कर लिया, लेकिन अरब इसके पक्ष में नहीं था। 

1948 में बना इजराइल
1948 में ब्रिटिश इसे छोड़कर चले गए। इसके बाद यहूदियों ने इजराइल देश बनाने का ऐलान किया। हालांकि, कई फिलिस्तिनी इसके पक्ष में नहीं थे। ऐसे में फिर युद्ध शुरू हो गया। इसके रुकने के बाद इजराइल ने अधिकतर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। वहीं, जॉर्डन के कब्जे वाली जगह को वेस्ट बैंक और मिस्त्र के कब्जे वाली जगह को गाजा नाम दिया गया। 

वहीं, यरुशलम को पश्चिमी और पूर्व दो हिस्सों में बांटा गया। पश्चिमी हिस्सा इजराइल और पूर्व जॉर्डन के कब्जे में था। 

1967 और 1982 में इजराइल ने जीती जंग
1967 के युद्ध में इजराइल ने पूर्वी यरुशलम, वेस्ट बैंक पर अपना कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं इजराइल ने सीरिया के गोलान हाइट्स, गाजा और मिस्त्र के कुछ हिस्सों को भी अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि, बाद में गाजा से इजराइल पीछे हट गया। इजराइल यरुशलम को अपनी राजधानी मानता है। जबकि फिलिस्तीन भी इसे अपने राजधानी कहते हैं। 

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