पीएम मोदी के पैर छूने वाले जेम्स मारेप की हो रही है चर्चा, जानिए कैसे बने देश के प्रधानमंत्री?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने वाले जेम्स मारेप 2019 में पापुआ न्यू गिनी के पीएम बने थे। वह प्रधानमंत्री बनने से पहले देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं।

Danish Musheer | Published : May 22, 2023 11:49 AM IST / Updated: May 22 2023, 05:46 PM IST

पोर्ट मोरेस्बी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी एयरपोर्ट पहुंचे, तो उस समय वहां के पीएम जेम्स मारेप उन्हें रिसीव किया। इस दौरान मारेप ने पीएम मोदी के पैर छुए और उनसे आशिर्वाद लिया। इस पर मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई और फिर उन्हें गले से लगा लिया। जिसने भी इस लम्हे को देखा वह प्रधानमंत्री जेम्स मारेप की विनम्रता का कायल हो गया। हालांकि, पीएम मोदी के रिसीव करके उन्होंने एक बेहद अहम परंपरा तोड़ी है।

दरअसल, पापुआ न्यू गिनी में नियम है कि वहां पर सूर्यास्त होने के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता, लेकिन पीएम मोदी के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी वो पहले शख्स हैं, जिनके लिए इस देश ने अपनी पुरानी परंपरा को तोड़ा है।

कौन हैं जेम्स मारेप ?

जेम्स मारेप वर्तमान में पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री हैं। उनका जन्म 24 अप्रैल 1971 को हेला प्रांत के तारी में हुआ था। मारेप देश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय ‘हुली’ से आते हैं। मारेप के पिता एक पादरी थे। उन्होंने पीएनजी हाइलैंड्स में मिंज प्राइमरी स्कूल और कबीउफा एडवेंटिस्ट सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की।

इसके बाद उन्होंने 1993 में पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने साल 2000 में एनवायर्नमेंटल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई को लेकर वह काफी गंभीर थे। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में भी मास्टर किया।

वह पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करते थे। उन्होंने ग्रेजुएशन करने के बाद PNG इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च की तारी ब्रॉन्च में ऑफिसर इंचार्ज की नौकरी की। इसके बाद 1996 से 1998 तक उन्होंने हिड्स गैस परियोजना में जीडीसी के ओपरेशन मैनेजर के रूप में काम किया।

2002 में राजनीति में हुई एंट्री

मारेप ने 2002 में राजनीति की शुरुआत की। उन्होंने पहली बार पीपुल्स प्रोग्रेस पार्टी की तरफ से टारी-पोरी सीट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, हिंसा के कारण दक्षिणी हाइलैंड्स प्रांत में मतदान रद्द कर दिया गया था। इसी सीट पर 2003 में उपचुनाव हुआ, लेकिन वह चुनाव हार गए। 2007 में मारेप फिर से चुनाव लड़े और इस बार वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने उस समय के मौजूदा सांसद टॉम टोमियापे को हराया।

2008 में मंत्री बने जेम्स मारेप

2008 में प्रधानमंत्री सर माइकल सोमारे की सरकार में सिर्फ 37 साल की उम्र में मारेप शिक्षा मंत्री बने। फरवरी 2012 में मारेप ने नेशनल अलायंस पार्टी छोड़ दी और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें प्रधानमंत्री पीटर ओ नील ने देश का वित्त मंत्री बनाया। हालांकि, भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्हें वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

2019 में बने देश के प्रधानमंत्री

उन्होंने 2019 में पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और वह पांगु पार्टी में शामिल हो गए। जेम्स मरापे मई 2019 में पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री बने, तबसे वह इस पद पर कार्यरत हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2020 में, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उनकी सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया गया था।

यह भी पढ़ें- जिस देश ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान, वहां बोली जाती हैं 800 से ज्यादा भाषाएं

Share this article
click me!