रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) का 5 मार्च को 10वां दिन है। इस बीच यूक्रेन के खार्किव में कई धमाकों की आवाज सुनी गईं। निवासियों को पास के आश्रयों में जाने के लिए कहा गया है। इधर, भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी लगातार जारी है। इस बीच यूक्रेन की दूसरी सबसे बड़ी परमाणु सुविधा-दक्षिणी यूक्रेन के मायकोलाइव ओब्लास्ट में युज़्नौक्रेनस्क परमाणु ऊर्जा स्टेशन(Yuzhnoukrainsk Nuclear Power Station) से रूसी सेना सिर्फ 20 मील दूर है।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क.रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) का 5 मार्च को 10वां दिन है। इस बीच यूक्रेन के खार्किव में कई धमाकों की आवाज सुनी गईं। निवासियों को पास के आश्रयों में जाने के लिए कहा गया है। इधर, भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी लगातार जारी है।
Russia Ukraine War: 229 छात्रों की स्वदेश वापसी
ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से 229 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष इंडिगो फ्लाइट रोमानिया के सुसेवा से दिल्ली पहुंची। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने tweet किया कि यूक्रेन से अब तक 11,000 भारतीयों को निकाला गया है। नई दिल्ली हवाई अड्डे पर 170 भारतीयों के एक समूह को एयर एशिया इंडिया के माध्यम से निकाले जाने पर खुशी हुई।
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यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की तरफ बढ़ रही रूसी सेना
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस(US Ambassador to UN Linda Thomas) ने 4 मार्च को UN में कहा कि अब यूक्रेन की दूसरी सबसे बड़ी परमाणु सुविधा-दक्षिणी यूक्रेन के मायकोलाइव ओब्लास्ट में युज़्नौक्रेनस्क परमाणु ऊर्जा स्टेशन(Yuzhnoukrainsk Nuclear Power Station) से रूसी सेना सिर्फ 20 मील दूर है, जो अब बंद हो रही है।
24 फरवरी से शुरू हुआ था युद्ध
बता दें कि 24 फरवरी को भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया था। इसके बाद रूस की सेना ने यूक्रेन पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इन हमलों बाद यूक्रेन की राजधानी कीव(Kyiv) के अलावा खार्किव, मारियुपोल और ओडेसा(Kharkiv, Mariupol and Odessa) में बर्बादी के मंजर दिखाई देने लगे हैं।
NATO से नाराजगी
यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे के लिए रूस सेना लगातार अटैक कर रही है। इसी बीच यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन (No-fly zone) घोषित करने से इनकार करने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन(NATO) पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा करके रूसी सेना को हमलों की इजाजत दे दी है। द टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की तीन हत्या के प्रयासों से बच गए हैं। यूक्रेनी अधिकारियों ने सतर्कता बरत कर हत्या के इन प्रयासों को विफल कर दिया। वैगनर ग्रुप और चेचन विद्रोहियों के दो अलग-अलग समूहों को यूक्रेनी राष्ट्रपति की हत्या के लिए भेजा गया था।