
India US Trade: भारत अपने घरेलू उद्योग को बचाने के लिए अमेरिका से आयात होने वाले सामानों पर शुल्क लगाता है। जब से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं उन्होंने टैरिफ के मामले में भारत पर निशाना साधा है। पिछले कुछ समय में भारत ने बाइक से लेकर बियर जैसे अमेरिकी प्रोडक्ट पर टैरिफ कम किया है।
हालांकि ट्रंप इससे खुश नहीं हैं। उन्होंने सभी देशों के खिलाफ पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal tariffs) लगाने की घोषणा की है। इसे लागू करने की समय सीमा 2 अप्रैल रखी है। पारस्परिक टैरिफ का मतलब है कि जो देश अमेरिका से आने वाले सामान पर जितना शुल्क लेगा अमेरिका भी उससे उसके सामान पर उतना शुल्क लेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को दावा किया कि 2 अप्रैल को आने वाली पारस्परिक टैरिफ समय सीमा से पहले भारत अन्य अमेरिकी सहयोगियों के साथ-साथ अपने टैरिफ में काफी कमी करेगा। दरअसल, ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि अमेरिका को "दुनिया के हर देश ने ठगा है"। उन्होंने अमेरिकी व्यापार के लिए "मुक्ति दिवस" (Liberation Day) का वादा किया है।
ट्रंप ने उन चिंताओं को खारिज किया कि पारस्परिक टैरिफ लगाने से अमेरिका के सहयोगी देश चीन के करीब जा सकते हैं। उन्होंने यूरोपीय संघ द्वारा हाल ही में कार टैरिफ को 2.5% तक कम करने को अपनी रणनीति की सफलता का सबूत बताया। ट्रंप ने कहा, "मैंने सुना है कि भारत अपने टैरिफ में भारी कमी करने जा रहा है। बहुत सारे देश अपने टैरिफ में कमी करने जा रहे हैं।"
इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत इस समय अमेरिका के कृषि उत्पादों पर 100% टैरिफ लेता है। दूसरे देश भी इसी प्रकार का बैरियर लगाए हुए हैं। EU (European Union) अमेरिका के डेयरी प्रोडक्ट पर 50% शुल्क लेता है। जापान अमेरिकी चावल पर 700% शु्ल्क लगाता है। वहीं, कनाडा ने अमेरिकी बटर और चीज पर करीब 300% शुल्क लगा रखा है।
लेविट ने कहा, "इससे अमेरिकी उत्पादों को इन बाजारों में आयात करना लगभग असंभव हो गया है और पिछले कई दशकों में बहुत से अमेरिकियों को कारोबार और रोजगार से बाहर होना पड़ा है।"
2021-22 से 2023-24 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। भारत द्वारा निर्यात किए गए सामान का 18% अमेरिका भेजा गया। भारत ने अपने आयात का 6.22 फीसदी अमेरिका से मंगाया। भारत के द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिका की हिस्सेदारी 10.73% थी। अमेरिका से साथ कारोबार में भारत के लिए सुखद बात है कि वह लाभ की स्थिति में है। भारत जितनी कीमत का सामान आयात करता है उससे अधिक का निर्यात करता है। 2023-24 में अमेरिका से साथ कारोबार में भारत को 35.32 बिलियन डॉलर (2.81 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का लाभ हुआ।
अमेरिका द्वारा भारत पर पारस्परिक टैरिफ लगाने से यह स्थिति बदल सकती है। टैरिफ लगाने से अमेरिकी बाजार में भारत से आयात किए जाने वाले सामानों की कीमत बढ़ जाएगी। इससे उनकी मांग कम होने का खतरा है। भारत ने अमेरिका से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ कम किया तो आयात बढ़ेगा।
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