सिविलयन ड्रेस में भी मालदीव में नहीं रहेगा कोई भारतीय सैनिक, राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर भारत विरोधी अभियान किया तेज

भारत-मालदीव के राजनयिक संबंध तेजी से खराब होते दिख रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान देकर चीन के साथ अपने संबंध उजागर किए हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 5, 2024 10:35 AM IST / Updated: Mar 05 2024, 08:58 PM IST

Maldives on removal of Indian forces: भारत-मालदीव के राजनयिक संबंध तेजी से खराब होते दिख रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान देकर चीन के साथ अपने संबंध उजागर किए हैं। मालदीव में भारतीय सैनिकों को 10 मई के बाद मौजूदगी को लेकर उन्होंने साफ कहा कि 10 मई के बाद देश में कोई भारतीय सैनिक नहीं रहेगा, यहां तक कि सिविल ड्रेस में भी भारतीय सैनिकों को रहने की इजाजत नहीं होगी।

दरअसल, भारतीय नागरिक दल मालदीव में तीन एविएशन प्लेटफार्मों में से एक पर कार्यभार संभालने पहुंचा था। इस टीम को 10 मार्च तक पहुंचना था लेकिन वह पहले ही पहुंच गया था। इस दौरान मालदीव की मीडिया यह कहने लगी कि मुइज्जू ने गुपचुप तरीके से भारतीय सेना को सिविलियन ड्रेस में रहने की इजाजत दे दी है।

आरोपों से इनकार करते हुए राष्ट्रपति मुइज्जू ने एटोल में अपने दौरे के दौरान बा एटोल आइदाफुशी आवासीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि देश से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने में उनकी सरकार की सफलता के कारण, झूठी अफवाहें फैलाने वाले लोग स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफवाह उड़ाई जा रही है कि भारतीय सेना यहां से नहीं जाएगी। भारतीय सेना यहीं रूकेगी और वे अपनी वर्दी को नागरिक कपड़ों में बदलकर लौट रहे हैं। हमें ऐसे विचारों में शामिल नहीं होना चाहिए जो हमारे दिलों में संदेह पैदा करें और झूठ फैलाएं। उन्होंने कहा कि 10 मई को देश में कोई भी भारतीय सैनिक नहीं होगा। न वर्दी में और न ही नागरिक कपड़ों में। भारतीय सेना किसी भी प्रकार के कपड़ों में इस देश में नहीं रहेगी। मैं यह विश्वास के साथ कहता हूं।

दरअसल, मालदीव ने चीन के साथ एक एमओयू भी साइन कर लिया है। अब भारतीय सेना की बजाय मालदीव में चीन मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करेगा। मालदीव में तीन प्लेटफार्मों पर 88 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात हैं। यह सैनिक पिछले कुछ वर्षों से दो हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान का उपयोग करके मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने भारत से हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपसमूह से अपने कर्मियों को हटाने की मांग की।

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