मालदीव: खतरे में राष्ट्रपति मुइज्जू की कुर्सी, महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रहा विपक्ष

Published : Jan 29, 2024, 04:05 PM ISTUpdated : Jan 29, 2024, 04:14 PM IST
Maldives President Mohamed Muizzu

सार

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) के खिलाफ विपक्षी पार्टी महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रही है। इसके लिए जरूरी सांसदों के साइन जुटा लिए गए हैं।

माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। मालदीव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे संघर्ष के बीच मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है।

मालदीव की स्थानीय मीडिया और द सन की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी MDP (मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी) ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए जरूरी साइन जुटा लिए हैं। MDP के एक सांसद के हवाले से बताया गया है कि MDP ने डेमोक्रेट के साथ साझेदारी में महाभियोग प्रस्ताव के लिए साइन जुटाए हैं। मालदीव की स्थानीय मीडिया Adhahdhu के अनुसार MDP और डेमोक्रेट दोनों के प्रतिनिधियों सहित कुल 34 सदस्यों ने राष्ट्रपति के महाभियोग के प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है।

भारी सुरक्षा के बीच चला संसद सत्र

बता दें कि मालदीव की संसद में रविवार को हिंसा हुई थी। सोमवार को संसद का सत्र भारी सुरक्षा के बीच चला। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को संसद परिसर के बाहर तैनात किया गया था। रविवार को मालदीव की संसद में हिंसा हुई थी। सत्ता पक्ष के सांसदों ने संसद और स्पीकर की कार्यवाही में बाधा डाली थी। एमडीपी सांसद ईसा और पीएनसी सांसद अब्दुल्ला शहीम अब्दुल हकीम के बीच लड़ाई हुई थी। एक वीडियो में शहीम को ईसा का पैर पकड़ते और दोनों को एक साथ गिरते हुए दिखाया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक अन्य वीडियो में ईसा को शहीम की गर्दन पर लात मारते और उसके बाल खींचते हुए दिखाया गया।

मंत्रिमंडल को मंजूरी देने के लिए बुलाया गया था संसद सत्र

संसद सत्र मुइज्जू सरकार के मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए बुलाया गया था। विपक्ष ने मुइज्जू मंत्रिमंडल के चार प्रमुख सदस्यों को मंजूरी देने से इनकार किया है। माना जा रहा है कि मुइज्जू सरकार की विदेश नीति के चलते विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध बढ़ गया है। मुइज्जू सरकार के मंत्रियों ने बीते दिनों भारत के खिलाफ बयानबाजी की, जिससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए।

यह भी पढ़ें- मुइज्जू कैबिनेट को मंजूरी के लिए बुलाया गया संसदीय सत्र अराजकता का शिकार, विपक्ष ने किया मंजूरी से इनकार

मुइज्जू ने चुनाव के दौरान भारत आउट का नारा दिया था। सत्ता में आने के बाद वह अपने इसी रुख पर चल रहे हैं। वह चीन के खास समर्थक के रूप में काम कर रहे हैं। विपक्ष ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि मुइज्जू लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक गठबंधनों से दूर जा रहे हैं। इससे देश के विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर पड़ रहा है।

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