Aung San Suu Kyi को कोविड प्रोटोकॉल्स उल्लंघन के आरोप में चार साल की सजा

76 वर्षीय सू की के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं, इनमें से ही एक में उन्हें यह सजा सुनाई गई है। बीते साल नवंबर में चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में सू की की मौजूदगी और उसमें बड़ी संख्या में समर्थकों के जुटने को लेकर उनके खिलाफ केस चल रहा था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 11:18 AM IST

यांगून। म्यांमार (Myanmar) में सैन्य शासन (Junta rule) के बाद लोकतांत्रिक नेताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को एक स्पेशल कोर्ट में चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है। आंग सान सू, को यह सजा कोविड-19 (Covid-19) प्रोटोकॉल्स के उल्लंघन पर दी गई है। 

तख्ता पलट के बाद सू की को हटा दिया गया था पद से

Latest Videos

म्यांमार की पूर्व स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, को बीते 1 फरवरी को तख्ता पलट करके हटा दिया गया था। देश में सैन्य शासन होने के बाद लोकतंत्र समर्थक इस नेता पर कई आरोप लगे और कई केस का सामना करना पड़ रहा है। 

एक केस में चार साल की सजा

76 वर्षीय सू की के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं, इनमें से ही एक में उन्हें यह सजा सुनाई गई है। बीते साल नवंबर में चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में सू की की मौजूदगी और उसमें बड़ी संख्या में समर्थकों के जुटने को लेकर उनके खिलाफ केस चल रहा था। यह केस कोरोना के नियमों के उल्लंघन का था। हालांकि, सू की पर चल रहे मुकदमे को मीडिया और अन्य लोगों से दूर रखा गया था। सू की को 1 फरवरी 2021 को तख्ता पलट के बाद से ही हिरासत में रखा गया है। 

पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट को भी चार साल की सजा

म्यांमार के पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट को भी उकसाने और कोविड -19 के समान प्रारंभिक आरोपों के तहत सोमवार को चार साल के लिए जेल में डाल दिया गया था। एक जुंटा प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं को अभी तक जेल नहीं ले जाया जाएगा।

वैश्विक स्तर पर हो रही निंदा

म्यांमार में लोकतंत्र को कुचलने और लोकतांत्रिक नेताओं को जेल में डालने की वैश्विक स्तर पर निंदा की जा रही है। सू की को चार साल की सजा के बाद ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने आलोचना की है। टोनी ब्लेयर ने कहा कि  सू की की कैद म्यांमार में मौजूदा शासन की निर्मम क्रूरता और देश के नवोदित लोकतंत्र को पूरी तरह से नष्ट करने की उनकी मंशा को दर्शाता है। देश में दिन-ब-दिन जो हो रहा है वह दुखद, क्रूर और बिना किसी औचित्य के है। जनता को दुनिया के प्रमुख देशों की प्रतिक्रिया से समझना चाहिए, कि नागरिक शासन की बहाली के लिए एक स्पष्ट और विश्वसनीय योजना निर्धारित किए बिना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है।

यह भी पढ़ें:

Nagaland Firing: सीएम नेफ्यू रियो ने AFSPA को हटाने की मांग की, कहा-देश की छवि हो रही है धूमिल

Nagaland Firing: सेना ने कहा- हमला कर रहे थे भीड़ में शामिल लोग, सैनिकों ने आत्मरक्षा में चलाई गोली

Parliament Winter Session: पहले हफ्ते Rajya Sabha का 52% समय बर्बाद, 2 bill हुए पास, 22 प्राइवेट बिल पेश

Share this article
click me!

Latest Videos

भाजपा सरकार बनने के बाद झारखंड के युवाओं की नौकरी घुसपैठिए नहीं खा पाएंगे : अमित शाह
Maharashtra Election 2024: Amit Shah ने जारी किया BJP का घोषणा पत्र, किसान-महिलाओं और रोजगार पर फोकस
अमित शाह ने दिया उद्धव ठाकरे को टास्क, क्या राहुल गांधी से करवा पाएंगे ये काम
CM Yogi Adityanath ने बताई सपा के PDA की नई परिभाषा #Shorts
Maharashtra Election 2024: Owaisi ने PM Modi के एक है तो सेफ है पर दिया करारा जवाब