नरेंद्र मोदी-व्लादिमीर पुतिन कर सकते हैं वीजा मुक्त यात्रा समझौता पर साइन, जानें क्या होगा लाभ

Published : Jul 09, 2024, 11:13 PM ISTUpdated : Jul 09, 2024, 11:14 PM IST
Narendra Modi Vladimir Putin

सार

भारत और रूस के बीच वीजा मुक्त यात्रा समझौता हो सकता है। कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसपर साइन कर सकते हैं।

मॉस्को। आने वाले दिनों में ऐसा हो सकता है कि भारत के नागरिकों को रूस जाने के लिए वीजा की जरूरत न पड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर हैं। उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा की है।

कहा जा रहा है कि मोदी और पुतिन भारत-रूस वीजा मुक्त यात्रा समझौता पर साइन कर सकते है। ऐसा हुआ तो दोनों देशों के नागरिकों को एक-दूसरे के यहां जाने के लिए वीजा नहीं लेना पड़ेगा। ऐसा होता है तो इससे दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही कारोबार भी बढ़ेगा।

वीजा फ्री रूस यात्रा से भारतीयों को होंगे क्या लाभ?

रूस की यात्रा करने वाले भारतीयों को वीजा फ्री होने से लाभ होगा। पर्यटन में वृद्धि होगी। इससे दोनों देशों के आम लोगों की आपसी समझ बढ़ेगी। यात्रा करना आसान होगा। इससे सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्सवों और प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने के लिए जाना सरल होगा। वीजा लागत नहीं लगने से व्यापारिक यात्राओं में वृद्धि होगी। इससे भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत होगी। भारतीय उद्यमियों और निवेशकों के लिए रूस में अवसरों का पता लगाना आसान होगा।

भारतीयों को मुफ्त वीजा देने से रूस को क्या लाभ होगा?

भारतीयों को मुफ्त वीजा देने से रूस को भी काफी फायदा होगा। रूस में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ज्यादा भारतीय पर्यटक रूस आएंगे, जिससे रूस के पर्यटन राजस्व में वृद्धि होगी। स्थानीय व्यवसायों और होटल इंडस्ट्री को फायदा होगा। वीजा फ्री होने से भारत से रूस में निवेश बढ़ेगा। भारतीय उद्यमियों और निवेशकों के लिए रूसी बाजारों में खोज और निवेश करना आसान होगा। इससे रूस में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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वीजा फ्री होने के बाद भी भाषा की रहेगी बाधा

रूस की यात्रा के लिए वीजा फ्री होने के बाद भी भारतीयों के लिए रूस घूमने या कारोबार के लिए जाने में भाष की बाधा रहेगी। रूस में बहुत से लोग अंग्रेजी नहीं जानते। इसी तरह भारतीयों के लिए रूसी भाषा समझना कठिन होता है।

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